अनोखा मंदिर: सांप के डसने पर मुंह से चूसकर निकाला जाता है जहर, हिंदू-मुस्लिम का भी कनेक्शन
रिपोर्ट: कृष्ण कुमार
नागौर. नागौर के बूढ़ी गांव में केसरियां कंवरजी का मंदिर है. जानकारों के अनुसार यह मंदिर लगभग 1200 ईस्वी के आसपास बना था. जनश्रुतियों के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को सांप द्वारा काट लिया जाता है तो यहां के पुजारी द्वारा सांप के जहर को मुंह से चूसकर निकाला जाता है.
कौन हैं केसरियां कंवरजी
केसरियां कंवर राजस्थान के लोक देवता हैं , जो गोगाजी के पुत्र हैं. यह सांपों के देवता के रूप में भी पूजे जाते हैं, इन्हें सांपो का देवता भी कहा जाता है. साथ ही इन्हें घोड़े वाला बाबा भी कहा जाता है.
मंदिर के पुजारी भंवरसिंह रावणा राजपूत ने बताया कि यहां कई चमत्कार उन्होंने देखे हैं. काफी समय पहले एक बार रात में सपनों में उन्हें गोगाजी महाराज की प्रतिमा दिखाई दी. इसके अलावा गांव के ही कुंभाराम जाट के बेटी को एक बार सांप के काटने पर जब उसको मंदिर लाया गया, तब मंदिर के पुजारी ने उसके शरीर से जहर को चूसकर बाहर निकाला. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां उन्होंने कई चमत्कार होते देखे हैं.
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तंत्र मंत्र के साथ ऐसे निकाला जाता है जहर
नागौर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर बूढ़ी गांव स्थित है. इस गांव में सांप काटने पर मरीज को अस्पताल ले जाने के बजाय केसरिया कंवरजी मंदिर में ले जाया जाता है. जहां पुजारी द्वारा पीड़ित के शरीर में जहर निकालने के लिए जोत व तंत्रमंत्र इत्यादि करके फिर मुंह से चूसकर जहर निकाला जाता है. पुजारी भंवरसिंह बताते हैं कि जहर निकालते समय उन्हें शरीर में जहर का कोई प्रभाव नहीं होता है.
हिन्दु -मुस्लिम एकता के लिए भी प्रसिद्ध है यह मंदिर
देशभर में अनेकों ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां पर हिंदू मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग एक साथ पूजा अर्चना करते हैं. राजस्थान में ही चतुरदास का मंदिर, बुटाटी धाम, रामदेवरा मंदिर, पोकरण जैसलमेर है. इसी के साथ नागौर का छोटा सा एक मंदिर केसरिया कंवर का है. जो हिन्दू और मुस्लिम दोनों समाज की एकता की मिसाल कायम करता है.
यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी स्टोरी है , जिसकी न्यूज 18 पुष्टि नहीं करता है.
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Tags: Nagaur News, Rajasthan news in hindi
FIRST PUBLISHED : December 08, 2022, 10:02 IST