अब राज्य सरकार के सभी 8.5 लाख कर्मचारियों को देना होगा अपनी संपत्ति का ब्यौरा । Gehlot government’s big decision- all 8 lakh employees will have to give property details– News18 Hindi

राज्य के कार्मिक विभाग के अनुसार यह आदेश राज्य सरकार के सभी नियंत्रित बोर्ड, निगम, स्वायत्तशासी संस्थाओं और राजकीय उपक्रमों पर लागू होंगे. राजपत्रित अधिकारियों की भांति अचल संपत्ति का वर्तमान मूल्य का आधार डीएलसी दर के अनुसार किया जाना है. राज्य के कार्मिक विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों को अचल संपत्ति का विवरण देने के लिए निर्देशित करें. कर्मचारियों को राजकाज सॉफ्टवेयर पर इसका संपूर्ण ब्यौरा देना होगा. इसके लिये वे इस अवधि में ऑनलाइन आईपीआर भर सकेंगे. नये नियम के तहत जो कर्मचारियों अपनी अचल संपत्ति का विवरण नहीं देंगे उनके वार्षिक इंक्रीमेंट, विजिलेंस क्लीयरेंस, और पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा.
पहले केवल राजपत्रित अधिकारी देते थे संपत्ति का ब्यौरा
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछली वसुंधरा सरकार में सिर्फ राजपत्रित अधिकारियों को ही अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होता था. लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद गहलोत सरकार ने सभी राजकीय कर्मचारियों को अचल संपत्ति का विवरण देने के दायरे में ला दिया. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शासन में पारदर्शिता चाहते हैं. इसलिए अचल संपत्ति का विवरण देने के लिए सभी राजकीय कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि शासन में शुचिता एवं पारदर्शिता बनी रहे.