अब 500 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों को मिलेगा रियायती नियमन दर का फायदा

जयपुर।
सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में रियायती नियमन दर से मिलने वाले फायदे का दायरा बढ़ा दिया है। अब 300 की बजाय 500 वर्गमीटर तक के भूखंडधारियों को इसका फायदा मिलेगा। इससे करीब करीब तीन लाख अन्य भूखंडधारियों को पट्टा लेने के लिए बतौर नियमन शुल्क पहले से कम राशि देनी हाेगा। इन भूखंडधारियों को अब पहले से आधी राशि बतौर नियमन शुल्क देनी होगी। नगरीय विकास विभाग ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है।
इस अधिसूचना से पहले पहले नगर निगम वाले शहर में ऐसे भूखंडों के लिए 200 रुपए प्रति वर्गमीटर के अनुसार नियमन राशि देनी पड़ती थी, लेकिन अब नगर निगम वाले शहरों में ऐसे भूखंडों के लिए नियमन राशि महज 100 रुपए प्रति वर्गमीटर ही देनी होगी। इसी तरह पहले नगर परिषद वाले शहर में ऐसे भूखंडों के लिए 150 रुपए प्रति वर्गमीटर के अनुसार नियमन राशि देनी पड़ती थी। अब यह दर महज 75 रुपए प्रति वर्गमीटर ही देनी होगी। नगर पालिका वाले शहर में भी 100 रुपए प्रति वर्गमीटर की बजाय 50 रुपए प्रति वर्गमीटर ही नियमन राशि देनी होगी। रियायती नियमन दर का फायदा 500 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों पर लागू करने का फैसला किया गया है।
90 फीसदी भूखंडधारियों को मिलेगी राहत
एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में 300 वर्गमीटर तक के भूखंड करीब 60 प्रतिशत है। जबकि 300 वर्गमीटर से अधिक लेकिन 500 वर्गमीटर तक के दायरे में करीब 30 प्रतिशत भूखंड है। इस प्रकार लगभग 90 फीसदी भूखंडों की नियमन दर में राज्य सरकार ने बड़ी राहत दे दी है। सरकार ने पहले 29 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में 300 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के लिए भी नियमन दर में कमी की थी।