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अमेरिका में घुसने के लिए 80 लाख में हुआ था सौदा, ‘डंकी’ रूट की पूरी तैयारी का हुआ खुलासा

हाइलाइट्स

विमान में 66 लोग गुजरात के थे और इमीग्रेशन एजेंटों को 60-80 लाख रुपये देने पर सहमत थे.
इनमें ज्यादातर लोग मुख्य रूप से मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और आनंद जिलों से थे.
जांच एजेंसी ने लगभग 15 एजेंटों के नाम और संपर्क नंबर भी हासिल कर लिए हैं.

नई दिल्ली: निकारागुआ जाने वाले विमान एयरबस ए340 को मानव तस्करी के संदेह में चार दिनों के लिए फ्रांस में रोक दिया गया था. इस विमान में 303 यात्री सवार थे. राज्य अपराध जांच विभाग (CID) के अधिकारियों ने कहा कि विमान में सवार 66 लोग गुजरात के थे और अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के लिए इमीग्रेशन एजेंटों को 60-80 लाख रुपये देने पर सहमत थे. 

दुबई से निकारागुआ जाने वाले विमान को मानव तस्करी के संदेह में 21 दिसंबर को फ्रांस के वैट्री हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने रोक दिया था. वहां के अधिकारियों द्वारा यात्रियों से पूछताछ करने के बाद, उड़ान को जाने की अनुमति दी गई और 26 दिसंबर को मुंबई में उतरा.

इंडिया टुडे के अनुसार मामले की जांच कर रहे पुलिस अधीक्षक, सीआईडी (अपराध और रेलवे) संजय खरात ने कहा कि गुजरात के 66 लोगों में जिनमें कुछ नाबालिग भी शामिल थे, मुख्य रूप से मेहसाणा, अहमदाबाद, गांधीनगर और आनंद जिलों से थे.

पैसा देने को सहमत थे सभी यात्री
संजय खरात ने कहा, “हमने पहले ही उनमें से 55 से पूछताछ की है और उनके बयान दर्ज किए हैं. उनमें से अधिकांश ने कक्षा 8 से 12 तक पढ़ाई की है. उनमें से प्रत्येक ने स्वीकार किया कि वे दुबई के माध्यम से निकारागुआ पहुंचने के बाद अवैध रूप से अमेरिका में सीमा पार करने में मदद करने के लिए स्थानीय इमीग्रेशन एजेंटों को 60 लाख रुपये से 80 लाख रुपये का भुगतान करने पर सहमत थे.” 

15 एजेंटों के नाम और संपर्क नंबर मिले
जांच एजेंसी ने लगभग 15 एजेंटों के नाम और संपर्क नंबर भी हासिल कर लिए हैं, जिन्होंने इन 55 व्यक्तियों को यूएस-मेक्सिको सीमा के माध्यम से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में मदद करने का वादा किया था. अधिकारी के मुताबिक, एजेंटों ने गुजरात के निवासियों से कहा कि उन्हें अमेरिका पहुंचने के बाद ही पैसा देना होगा.

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हवाई टिकट भी बुक किए एजेंटों ने
संजय खरात ने कहा, “एजेंटों ने यात्रियों से कहा था कि उनके आदमी उन्हें निकारागुआ से अमेरिकी सीमा तक ले जाएंगे और फिर उन्हें सीमा पार करने में मदद करेंगे. यह भी पता चला कि एजेंटों ने इन यात्रियों के लिए हवाई टिकट भी बुक किए थे और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रत्येक यात्री को 1,000 से 3,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 83,300 रुपये से 2.5 लाख रुपये तक) दिए थे.

सीआईडी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार एजेंटों द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार, 66 यात्री 10 से 20 दिसंबर के बीच अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली से दुबई पहुंचे. बाद में, वे एजेंट के निर्देश पर दुबई में निकारागुआ जाने वाले विमान में सवार हुए.

सीआईडी ने सीबीआई से मांगी मदद
सीआईडी ​​ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उन एजेंटों के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने में मदद करने के लिए भी लिखा है. इन एजेंटों ने इन 55 यात्रियों का दुबई वीजा हासिल किया था.सीआईडी ने सीबीआई से उन एजेंटों के बैंक विवरण जिन्होंने उनके खाते से वीजा शुल्क का भुगतान किया था. कैसे एजेंट दुबई से निकारागुआ का वीजा हासिल करने में कामयाब रहे और जिन्होंने दुबई से उड़ान बुक की और यात्रियों के टिकटों के लिए पैसे का भुगतान किया. 

Tags: CBI, CID, Flight, Gujarat, Human trafficking

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