अरावली के इन पहाड़ों के नाम जानवरों के नाम पर, किसी का मेंढक तो किसी का ऊंट के नाम पर…

सिरोही : देश की प्राचीनतम पर्वतमालाओं में से अरावली सिरोही जिले को दो भागों में बांटती है. विभिन्न राज्यों से गुजरने वाली 692 किलोमीटर लम्बी पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी जिले के माउंट आबू में गुरूशिखर (1,722 मीटर) है. पर्वतमाला में कई ऐसी भी पहाडियां है, जिनकी पहचान इनके अंदर छुपे पशु के आकार से हैं. जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे है टोड रॉक व केमलरॉक के बारे में.
माउंट आबू की नक्की झील के परिक्रमा पथ से करीब 250 सीढियां चढ़कर हम टोडरॉक पर पहुंच सकते हैं. इस वजह से बुजुर्ग व दिव्यांग पर्यटक यहां नहीं आ सकते हैं. टोडरॉक आने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं देनी पड़ती है. इस पहाड़ी से नक्की झील व माउंट आबू शहर का सुंदर नजारा दिखाई देता है.
इस पहाड़ी का नाम इसके पानी के मेंढ़क (टोड) जैसे आकार के कारण पड़ा है. हर वर्ष यहां सैकडों पर्यटक सुंदर नजारों का लुत्फ उठाने आते हैं. टोडराॅक के रास्ते में ही एक स्थान बना हुआ है, जिसे स्वामी विवेकानंद तपस्या स्थल के नाम से जाना जाता है. यहां पर स्वामी विवेकानंद ने तपस्या की थी.
ऊंट की आकृति से मिली कैमल रॉक पहाड़ी को पहचान
वहीं माउंट आबू की तलहटी में आमथला ग्राम पंचायत क्षेत्र स्थित केमल रॉक पहाड़ी की ये पहचान इसकी ऊंट जैसी आकृति के कारण है. माउंट आबू जाने वाले मार्ग से ये पहाड़ी व इसमें छुपी ऊंट की आकृति साफ नजर आती है. इस पहाड़ी के पास बने सरकारी स्कूल का नाम भी कैमल रॉक पहाड़ी पर रखा हुआ है. आमथला ग्राम पंचायत के उपसरपंच मनोहर सिंह ने बताया कि इस पहाड़ी को यूआईटी द्वारा पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है. इस पहाड़ी के पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होने से क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 27, 2024, 23:00 IST