Former External Affairs Minister Natwar Singh’s son Jagat Singh returns to BJP– News18 Hindi

जयपुर. सबके पैर छुए, गिले शिकवे दूर किए और आखिरकार जगत सिंह भाजपा के हो गए. पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह के चेहरे पर भाजपा ज्वॉइन करने की खुशी साफ झलक रही थी. इस दौरान पुरानी बात याद करना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले मुझसे जो भूल-चूक हुई, उसको पार्टी ने माफ किया और मुझे सेवा करने का दोबारा मौका दिया. पीएम मोदी मेरे जिगर में बसे हुए हैं, उनकी आवाज को ढाणी-ढाणी, गांव- गांव पहुंचाऊंगा. मैंने पार्टी छोड़कर बड़ी गलती की थी. केवल एक व्यक्ति की वजह से गुस्से में आकर पार्टी छोड़ दी. मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था. हालांकि जगत सिंह ने उस शख्स का नाम नहीं बताया.
ढाई साल बाद वापसी
पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे और पूर्व विधायक जगत सिंह महज ढाई साल बीजेपी से बाहर रहे. बीजेपी मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में वे पार्टी में शामिल हुए. पंचायत चुनाव से पहले जगत सिंह की घर वापसी से भरतपुर जिले के सियासी समीकरण बदल गए हैं. जगत सिंह जिला परिषद सदस्य के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं. माना जा रहा है कि वे भरतपुर से बीजेपी के जिला प्रमुख उम्मीदवार होंगे.
भाजपा से की बगावत
2018 के विधानसभा चुनाव में जगत सिंह का कामां से टिकट कट गया था. तब नाराज होकर जगत ने पार्टी छोड़ दी थी. बीजेपी ने कामां से जवाहर सिंह को टिकट दिया था. जगत ने जनवरी 2019 में अलवर की रामगढ़ सीट पर बसपा से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में वे हार गए थे.
जगत को भाजपा में लाने में सतीश पूनिया की अहम भूमिका
पहले जगत सिंह वसुंधरा राजे खेमे में थे. नटवर सिंह के वसुंधरा राजे से अच्छे सियासी और पारिवारिक रिश्ते रहे हैं. जगत सिंह ने अब बीजेपी में वापसी के वक्त मौजूदा सियासी हालत को देख खेमा बदल लिया है. जगत सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया खेमे के जरिए बीजेपी में वापसी की है. भाजपा भरतपुर के नगर निगम चुनाव में दूध की जली है, इसलिए पंचायत चुनाव में छाछ भी फूंक-फूंककर पी रही है. कांग्रेस के विश्वेंद्र सिंह का मुकाबला करने के लिए उन्हें मजबूत नेता की दरकार थी. अब जिला परिषद के चुनाव में प्रमुख के लिए होने वाली जोड़-तोड़ का भरोसा पार्टी जगत पर छोड़ सकती है. वो साधन सम्पन्न हैं और दबंग भी.
बदल जाएगी भरतपुर की राजनीति
पूर्वी राजस्थान में भाजपा न केवल कागज पर अपितु धरातल पर भी कमजोर है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा चारों खाने चित हो गई थी. जिला प्रमुख चुनावों में जगत सिंह की वापसी कराकर बीजेपी ने स्थानीय समीकरण जरूर बदल दिए हैं. कई नेताओं को जगत का भाजपा में आना रास नहीं आ रहा.
जगत की राजनीतिक परिपक्वता का फायदा मिलेगा
जो नेता कांग्रेस, भाजपा और बसपा में जाकर वापस बीजेपी में आया, उससे बीजेपी सियासी फायदे की उम्मीद कर रही है. प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि उनकी राजनीतिक समझ और परिपक्वता से भाजपा पूर्वी राजस्थान में मजबूत होगी. बहरहाल, जगत के जरिये भाजपा भरतपुर जिला परिषद चुनाव में विजय पताका फहराना चाहती है. यही से उनकी परीक्षा शुरू हो गई है. जगत सफल हुए, तो जीत का सेहरा उनके सिर बंधेगा और हार गए तो फिर उनके विरोधी उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं चूकेंगे.
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