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How Fistula different from piles-फिस्टुला का दर्द पाइल्स से ज्यादा खतरनाक

Last Updated:May 05, 2025, 20:57 IST

What is Fistula: फिस्टुला पाइल्स या बवासीर से ज्यादा दर्द वाली बीमारी है. इसमें गुदाद्वार में फोड़े निकल आते हैं जिसमें से पस निकल आता है. यह पस गुदाद्वार के पास स्किन में सुरंग बनने के कारण निकलता है.  इसे ज्य…और पढ़ेंबवासीर से अलग है फिस्टुला, कंटीले दर्द से निकलने लगती है जान, क्या है इलाज

फिस्टुला.

How Fistula dangerous: फिस्टुला बहुत ही दर्दनाक बीमारी है. आमतौर पर लोग इसे बवासीर या पाइल्स मान लेते हैं लेकिन यह बिल्कुल अलग होता है. पाइल्स में मलद्वार की नसें सूज जाती है जिससे दर्द होता है लेकिन फिस्टुला में मलद्वार के पास एक एब्नॉर्मल सुरंगनुमा रास्ता बन जाता है, जिससे मवाद या मल बाहर निकलता रहता है. यह सुरंग मलद्वार और स्किन के बीच बनती है और इसमें अक्सर इंफेक्शन लग जाता है जिसके कारण यह और ज्यादा खतरनाक हो जाता है.

फिस्टुला के लक्षण क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक फिस्टुला होने पर दर्द बहुत तीव्र और चुभन वाला होता है, खासकर जब मवाद या पस बहता है. कई बार बैठना, चलना या यहां तक कि सामान्य दिनचर्या भी मुश्किल हो जाती है. मरीज को बार-बार फोड़ा निकलने, जलन, खुजली और बदबू जैसी परेशानियां होती हैं. गुदा में दर्द बेहत तीव्र होता है. यह दर्द शौच करते समय, खांसते समय या बैठते समय और बढ़ सकता है. कमर या गुदा को छूने पर इसमें सेंसेशन हो सकता है. गुदा के अंदर या आसपास सूजन और लालिमा दिखने लगता. यह त्वचा के नीचे सक्रिय संक्रमण (सेलुलाइटिस) का संकेत हो सकता है. गुदा के आसपास किसी जगह से तरल पदार्थ का निकलना, जिसमें मवाद, मल या खून (रेक्टल ब्लीडिंग) हो सकता है. इसमें दुर्गंध भी हो सकती है.

फिस्टुला का इलाज क्या हैसबसे पहले फिस्टुला होने पर डॉक्टर से दिखाना चाहिए. डॉक्टर इसे हाथ से देखकर पता लगा लेते हैं कि यह फिस्टुला है या पाइल्स. हालांकि इसकी जांच के लिए कुछ टेस्ट भी किए जा सकते हैं लेकिन इसकी जरूरत कम पड़ती है. शुरुआत में डॉक्टर कुछ दवाइयां देते हैं लेकिन दवाइयों से ठीक होने का चांस कम रहता है. इसलिए फिस्टुला का इलाज सिर्फ दवाइयों से संभव नहीं होता. इसका एकमात्र प्रभावी इलाज सर्जरी है. पारंपरिक फिस्टुलोटॉमी, लेजर ट्रीटमेंट और सेटॉन विधि से इसका इलाज किया जाता है. लेजर तकनीक अब लोकप्रिय हो रही है क्योंकि इसमें कट-छांट कम होती है और रिकवरी जल्दी होती है.अगर समय रहते इसका इलाज न हो तो यह संक्रमण बढ़ा सकता है और दूसरी जटिलताएं पैदा कर सकता है. इसलिए फिस्टुला के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.

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बवासीर से अलग है फिस्टुला, कंटीले दर्द से निकलने लगती है जान, क्या है इलाज

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