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इमाम उमर अहमद इलयासी की अपील

रमजान के मौके पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गई.

रमजान के मौके पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गई.

इमाम उमर अहमद इलयासी ने कहा कि मंगलवार को चांद दिखने की संभावना है. ऐसे में बुधवार को पहला रोजा होगा. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोग अपने घर पर ही रोजा रखे, घर पर ही इबादत करें.

दिल्ली/जयपुर. दिल्ली के इमाम हाउस में दिल्ली के इमामों के साथ ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के मुखिया इमाम उमर अहमद इलयासी ने बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कहा कि जिस तरह कोरोना फैल रहा है यह दुख का विषय है. इसके कारण हमने यह बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को चांद दिखने की संभावना है. ऐसे में बुधवार को पहला रोजा होगा. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोग अपने घर पर ही रोजा रखे, घर पर ही इबादत करें. हमसब केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि मास्क पहनना जरूरी है, बार बार हाथ धोना है और सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए. इलियासी ने कहा कि हमने तय किया है, अगर बहुत हालात बिगड़ती है तो नमाज घर में ही पढ़ें, तलाबी भी घर में पढ़ें, नमाज भी घर में पढ़ें. बहुत जरूरी है तभी बाहर निकलें. हमने हिन्दुस्तान के साढ़े 5 लाख मस्जिदों के इमामों से रिक्वेस्ट की है.

रमजान को लेकर फाइनल जजमेंट हिलाल कमेटी का

इस बीच, राजस्थान की राजधानी जयपुर से खबर आई है कि आज शाम रमजान के पवित्र महीने का चांद देखा जाएगा. आज शाम को अगर चांद नजर आता है तो कल से रमजान शुरू हो जाएंगे. नहीं तो पहला रमजान 14 अप्रैल को रखा जाएगा. रमजान को लेकर फाइनल जजमेंट हिलाल कमेटी का होगा. आज शाम मगरिब की नमाज के बाद हिलाल कमेटी की चांद को लेकर बैठक भी होगी.

सभी मिलकर एहतियात बरतें : इमाम मुफ्ती सैयद अमजद अलीन्यूज18, जयपुर से हुई बातचीत में जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती सैयद अमजद अली ने कहा कि रमजान का महीना बहुत ही रहमत और बरकत वाला महीना होता है. इस महीने में मुसलमान खास तौर पर इबादतों में मशगूल रहते हैं. पांच वक्त नमाज और पांच वक्त वुजू से हाईजेनिक लाइफ स्टाइल अमल में लाई जाती है. कोरोना की दूसरी लहर पर मुफ्ती अमजद ने कहा कि हालात नाज़ुक हैं, सभी मिलकर एहतियात बरतें और रमजान अल्लाह से कोरोना को लेकर खास दुआएं भी करें.

कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक अपनी इबादत करें : सदर नईम कुरैशी

रमजान को लेकर जामा मस्जिद कमेटी के सदर नईम कुरैशी का कहना है कि हम सभी मस्जिदों से राब्ता कायम कर रहे हैं. इस बात पर बहुत जोर दे रहे हैं कि जयपुर और आसपास में मौजूद करीब 500 मस्जिदों से लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक किया जाए. सभी लोग कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक अपनी इबादत करें. मामले को लेकर पुलिस-प्रशासन से भी बात हुई है. कमेटी के लोग उलेमा और समाजी तंजीम कोशिश कर रही हैं कि इशा की फज्र और इशा नाम की नमाज के साथ तरावीह की नमाज के लिए थोड़ी रियायत दी जाए. बाकी सभी लोग कोविड गाइडलाइंस की पालना के लिए तैयार हैं.





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