इस क्लीनिक में न ही दी जाती है दवाई और न होती है जांच फिर भी एक्टिव किया जाता है नर्वस सिस्टम, जानें कैसे

रविन्द्र कुमार/झुंझुनू : हर शहर में इलाज के लिए बड़े-बड़े सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल संचालित हैं. जहां एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक, यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार किए जा रहे. इन सभी में दवाइयां व अन्य चीजों का उपयोग करके रोगियों को लाभ दिया जाता है. लेकिन अनेक ऐसी पद्धतियां भी विकसित हो चुकी हैं जिनकी मदद से बिना दवा की भी बहुत सी बीमारियों को ठीक किया जा रहा है. झुंझुनू के मंडावा मोड पर स्थित सेराजेम इसका एक उदाहरण है. जहां पर सिर्फ थेरेपी के द्वारा ही लोगों को विभिन्न रोगों से निजात दिलाई जा रही है.
सेराजेम के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए सेराजेम संचालक रेहान ने बताया कि झुंझुनू में सेराजेम 2013 से संचालित है. सेराजेम सेंटर में आने वाले रोगियों को थेरेपी की मदद से ठीक किया जाता है जहां पर किसी भी प्रकार की कोई भी न तो जांच की जाती है न किसी दवा इत्यादि का उपयोग किया जाता है. सेराजेम में उपलब्ध आधुनिक मशीन के द्वारा लोगों को थेरेपी दिया दी जाती है जिससे ही लोगों में विभिन्न प्रकार के रोगों से निजात मिली है.
रीड की हड्डी पर मशीन से दी जाती है मसाज
थेरेपी के बारे में जानकारी देते हुए रेहान ने बताया कि इसमें मुख्यतः रीड की हड्डी पर मशीन का उपयोग किया जाता है. सेराजेम सेंटर पर काम में ली जा रही मशीन मुख्यतः रीड की हड्डी पर ही उपयोग में ली जाती है, जिसमें शरीर के नर्वस सिस्टम को एक्टिव किया जाता है. जिससे शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के विकारों में आराम मिलता है केंद्र में ऐसे भी व्यक्तियों आए हैं जिनको चलने के लिए भी लोगों की मदद की जरूरत पड़ी है. केंद्र में आने के कुछ समय बाद ही उन लोगों में अच्छा खासा सुधार हुआ है और बहुत से ऐसे उदाहरण है जो अब खुद चलकर सेंटर पर आते हैं, थेरेपी लेते हैं. यहां पर ली जा रही थेरेपी निशुल्क है.
सीएसआर प्रोग्राम में भी संस्था ले रही हिस्सा
सेराजेम संस्था के बारे में जानकारी देते हुए रेहान ने बताया कि यह संस्थान देश के सीएसआर प्रोग्राम में भी हिस्सा ले रही है. जिसकी तहत इस संस्थान ने देश की 10 से ज्यादा स्कूलों को गोद लेकर उन्हें दोबारा नए तरीके से रिनोवेट करके मिसाल कायम की है. यह सेंटर झुंझुनू के मंडावा मोड़ पर स्थित है.
केंद्र के समय के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह सुबह 7:30 बजे शुरू होता है वह शाम को 5:00 बजे तक संचालित किया जाता है. जिसमें विभिन्न बच्चों में लोगों को इन मशीनों से थेरेपी दी जाती है. जिसमें एक दिन में 14 बेच निकलते हैं. एक बैच में 22 लोग मशीन का उपयोग करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 22, 2024, 20:16 IST