Health

इस बार रिकॉर्ड तोड़ रहा चिकनगुनिया, डरा रहे एनवीबीडीसीपी के ये आंकड़े

हाइलाइट्स

भारत में इस साल चिकनगुनिया के मरीजों की संख्‍या में पिछले सालों के मुकाबले तेजी से बढ़ोत्‍तरी हो रही है.
मच्‍छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी में मरीजों को बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होता है.
एनवीबीडीसीपी के अनुसार देश में साल 2006 में चिकनगुनिया के सबसे ज्‍यादा केस सामने आए थे.

नई दिल्‍ली. कोरोना महामारी के बाद अब भारत में डेंगू (Dengue) और चिकनगुनिया (Chikungunya) ने पैर पसार लिए हैं. इस साल न केवल डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं बल्कि चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मामले भी पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़कर बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि इस बार अस्‍पताल दोनों ही बीमारियों के मरीजों से भरे हुए हैं. हालांकि चिकनगुनिया के मरीजों की तादाद का बढ़ना काफी परेशान करने वाला है क्‍योंकि नेशनल सेंटर फॉर वेक्‍टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल (NVBDCP) के आंकड़े बताते हैं कि साल 2006 में देश में चिकनगुनिया के सबसे ज्‍यादा मामले दर्ज किए गए थे, उसके बाद अब 2022 में यह बीमारी ज्‍यादा परेशान कर रही है.

नेशनल सेंटर फॉर वेक्‍टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल (NVBDCP) के विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ सालों में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्‍या काफी ज्‍यादा रहती है, वहीं साल 2017 से ही चिकनगुनिया के मरीजों का आंकड़ा काफी कम रहता है. इतना ही नहीं चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मरीजों की संख्‍या भी काफी कम रही है लेकिन साल 2022 के आंकड़े बताते हैं कि इस बार देश में चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मामले डेंगू मामलों के लगभग बराबर पहुंच गए हैं.

चिकुनगुनिया.

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चिकनगुनिया.

एनवीबीडीसीपी के अनुसार इस बार 31 अक्‍टूबर 2022 तक चिकनगुनिया (Chikungunya) के कुल कन्‍फर्म केसेज 5320 हैं, जबकि संदिग्‍ध मामलों की संख्‍या 108957 पहुंच गई है. वहीं पिछले साल यानि 2021 में चिकनगुनिया के संदिग्‍ध मरीजों की संख्‍या 119070 थी वहीं कुल कन्‍फर्म केस 11890 थे. वहीं 2020 में चिकुनगुनिया का प्रकोप काफी कम था लेकिन एक चीज जो आंकड़ों में देखी जा सकती है वह यह है कि इस बार संदिग्‍ध केस 2017 के बाद दूसरे सबसे ज्‍यादा हैं और सिर्फ अक्‍टूबर तक के आंकड़ों में ही पिछले साल से सिर्फ कुछ हजार ही कम हैं.

इन राज्‍यों में सबसे ज्‍यादा प्रभावित मरीज
एमसीडी दिल्‍ली के पूर्व एडिशनल एमएचओ डॉ. सतपाल बताते हैं कि इस बार चिकनगुनिया के ज्‍यादा मरीज सामने आ रहे हैं. जहां दिल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में ये मरीज बढ़े हैं वहीं देश के कुछ राज्‍य ऐसे हैं जहां चिकनगुनिया हर साल ही कहर बरपाता है. एनवीबीडीसीपी के आंकड़े देखें तो इस साल कन्‍फर्म केसेज गुजरात में 852, कर्नाटक में सबसे ज्‍यादा 1789, महाराष्‍ट्र में 865 सामने आए हैं वहीं राजस्‍थान, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्‍य प्रदेश आदि राज्‍यों में भी चिकुनगुनिया फैल रहा है.

पोस्‍ट चिकनगुनिया इफैक्‍ट करता है परेशान
डॉ. सतपाल कहते हैं कि चिकनगुनिया मारक बीमारी नहीं है लेकिन इस वजह से दुखदायी है कि इसका पोस्‍ट चिकनगुनिया इफैक्‍ट (Post Chikungunya Effect) लोगों को काफी दिनों तक परेशान करता है. इसके मरीजों को जोड़ों के दर्द की समस्‍या रहती है जो कई बार अर्थराइटिस या गठिया का रूप भी ले लेती है. दर्द की ये प्रक्रिया कई सालों तक भी रहती है जैसा कि पिछले चिकनगुनिया से पीड़‍ित मरीजों में देखा गया है.

Tags: Chikungunya, Dengue, Dengue death, Dengue outbreak

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