Rajasthan

इस शख्स की नशे से जिंदगी हो गई थी बर्बाद, फिर ऐसे संभला कि अब दूसरों को नशे से कर रहा दूर

रवि पायक/भीलवाड़ा. नशा ना केवल जिन्‍दगी को बर्बाद करता है बल्कि एक खुशहाल परिवार को उजाड़कर रख देता है और जब होश आता है तो सब कुछ बर्बाद हो जाता है. भीलवाड़ा के नरेंद्र सोनी भी ऐसे ही शख्स हैं. लेकिन, खास बात ये है कि खुद नशे के जाल से बाहर ​निकलर अब दूसरों का नशा छुड़वाने में मदद कर रहे हैं. इनकी कहानी नशे की गिरफ्त में आए लोगों को काफी प्रेरित करती है. कई युवा ​इनसे मिलकर नशे से दूर हो चुके हैं.

नई दिशाएं सेवा संस्थान के नरेंद्र सोनी ने बताया कि यार दोस्‍तों की संगत में ऐसा नशे की लत में पड़े कि वह अपने परिवार को भी भूल गए. जब मैं नशे की लत में पड़ा तो नशे के सिवाकुछ नहीं दिखाई देता था. इसके कारण घर में आए दिन झगड़े होने लगे और इस दौरान मेरी शादी भी हूई. मगर ज्‍यादा नशे के कारण मेरी पत्‍नी बेटी के साथ अपने घर चली गई. जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो गई ​थी. सिर्फ नशा ही जीवन का मकसद बन गया था.

नशे के आदी होने पर पत्नी छोड़ा

नरेंद्र सोनी की पत्‍नी रेखा सोनी ने कहा कि 2003 में जब शादी हुई तो मुझे पता नहीं था कि यह नशे के आदी हैं. शादी के कुछ ही समय बाद मुझे पता चला कि यह नशे के आदी है और 3-4 साल बाद तो इनका यह नशा इतना बढ़ गया कि मुझे अपनी बेटी के साथ छोड़ना पड़ा. इसके बाद इनका दिल्‍ली में इलाज करवाया गया और उसके बाद इस संस्‍था को बनाया.

नशे की लत के दौरान परिवार को दिल्‍ली के एक कैंप के बारे में पता चला. जहां मैं कुछ दिन रहा तो मेरी लत छुट गई. इसके बाद जब मैं भीलवाड़ा आया तो मुझे अहसास हुआ कि मैंने जीवन में क्‍या खोया है. ऐसा किसी अन्‍य के साथ ना हो. इसको लेकर मैंने अपनी साथियों के साल 2009 में नई दिशाएं संस्‍थान की शुरूआत की. इस संस्था के माध्यम से अब तक कई युवाओं को नशे से दूर किया गया है.

नशे ने मेरा सबकुछ छीन लिया था

संस्‍था के काउंसलर अभिषेक जैन ने कहा कि एक समय ऐसा था कि नशा मेरी लत बन गया था और मुझे उसके सिवाए कुछ भी दिखाई नहीं देता था और मैं घर से सड़क तक आ गया. मैं एक अच्‍छे परिवार से संबंध रखता था मगर नशे की लत से परिवार और पत्‍नी ने भी मुझे छोड़ दिया. मैने अपने माता-पिता का को बहुत दुख पहुंचाया है. इसके बाद मैं यहां पर आया और मुझे काफी अच्‍छा लगा. आज मैं नशा मुक्‍त हो गया हूं और यहां पर काउंसलर के पद पर काम कर रहा हूं.

नशा मुक्ति केन्‍द्र में उपचार करवाकर स्‍वस्‍थ हुए जीतेंद्र शर्मा हो या फिर जयदीप. सभी का यही कहना है कि नशे की लत ने शुरू में काफी शकून दिया. मगर हमसे हमारा परिवार रूठ गया. आए दिन के झगड़ों और पैसों की तंग ने हमें कहीं का ना छोड़ा. ये युवा भी अब लोगों को नशा छुड़वाने के लिए प्रेरित करते हैं

Tags: Bhilwara news, Inspiring story, Local18, Rajasthan news

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