एंग्जायटी, डिप्रेशन की इन दवाओं से गर्भपात की आशंका, बिना डॉक्टरी सलाह न करें इस्तेमाल
गर्भवती महिलाओं को दवाओं के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि, उनके खान -पान, रहन-सहन और रोग-बीमारी का असर उनके पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है. यही वजह है कि इन नौ महीनों में हरेक गर्भवती महिला बेहद संभलकर रहती है. हाल ही में जामा साइकाइट्री जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चिंता, अवसाद और अनिद्रा (Anxiety, Depression and Insomnia) के इलाज में उपयोग होने वाली बेंजोडायजेपाइन (benzodiazepine) दवाएं प्रेग्नेंसी में बेहद घातक हो सकती हैं. शोध के मुताबिक, इन दवाओं को गर्भावस्था के दौरान खाने पर गर्भपात की आशंका अधिक हो सकती है.
बेंजोडायजेपाइन, जिसे आम तौर पर बेंजो के नाम से जाना जाता है, एक प्रकार की सेडेटिव (Sedative) मेडिकेशन है जिससे नींद भी आती है क्योंकि सेडेटिव दवाएं दिमाग की एक्टिविटी को स्लो कर देती हैं. डेली मेल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, जैनैक्स, वैलियम, एटिवन और क्लोनोपिन (Xanax, Valium, and Klonopin) कुछ सबसे ज्यादा ली जाने वाली दवाएं हैं. (यह भी पढ़ें- Toxic Masculinity के शिकार मर्द, खुद के लिए भी घातक, समझें साइंस)
जामा साइकिएट्री जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में, ताइवान के शोधकर्ताओं ने गर्भवती होने से पहले, गर्भावस्था के दौरान और दोनों ही टाइम पीरियड के दौरान बेंजो के संपर्क में आने वाली महिलाओं में गर्भपात के केस देखे. उन्होंने तीन मिलियन से अधिक प्रेग्नेंसी के केसेस का अध्ययन किया और पाया कि 4.4 प्रतिशत या 136,130 केसों में गर्भपात हुआ. उन्होंने अध्ययन की गई सभी महिलाओं की मेडिकल हिस्ट्री का एनालिसस किया और पाया कि जिन महिलाओं को बेंजो दवाएं दी गई थीं, उनमें उन महिलाओं की तुलना जिन्होंने ये गोलियां नहीं लीं, गर्भपात की आशंका औसतन 70 प्रतिशत अधिक थी.
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि यह हाई रिस्क तब भी बना रहा जब महिला की उम्र और स्वास्थ्य जैसे दूसरे कॉम्पलिकेटेड फैक्टर्स को ध्यान में रखा गया गया. वैलियम जैसे लंबे समय तक काम करनी वाली बेंजो के साथ गर्भपात का खतरा 67 प्रतिशत बढ़ गया था, जबकि वर्सेड बेंजो के साथ यह 66 प्रतिशत बढ़ गया था, अध्ययन के अनुसार अल्प्राजोलम नामक दवा, जिसमें जैनैक्स का जेनेरिक वर्जन 39 प्रतिशत पर है, उसमें सबसे कम जोखिम वाला रहा. (यह भी पढ़ें- #Human Story: कैंसर से दोस्ती निभा रहे रवि फैला रहे हैं जिन्दादिली का प्रकाश)
रिपोर्ट कहती है कि जब गर्भावस्था के दौरान बेंजो का उपयोग किया जाता है, तो यह मां और प्लेसेंटा के बीच के कड़ी को पार कर सकता है, जिससे भ्रूण सीधे दवाओं के संपर्क में आ सकता है. बेंजोडायजेपाइन के संपर्क से भ्रूण के विकास में संबंधी दोष हो सकते हैं जिससे गर्भपात हो सकता है. (IANS से इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2024, 09:14 IST