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एक्टिव रोगियों की बढ़ती संख्या और कम आक्सीजन से दोहरा संकट Rajasthan News-Jaipur News-Corona became brutal-double crisis due to increasing number of active patients and lack of oxygen

प्रदेश में कुछ अस्पताल प्रबंधकों ने 90 से ऊपर ऑक्सीजन स्तर वाले मरीजों को भर्ती करना ही बंद कर दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)

प्रदेश में कुछ अस्पताल प्रबंधकों ने 90 से ऊपर ऑक्सीजन स्तर वाले मरीजों को भर्ती करना ही बंद कर दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)

Horrific form of corona in Rajasthan: राजस्थान में कोरोना एक्टिव केसों की बढ़ती संख्या के साथ ही ऑक्सीजन का संकट गहरा गया है. ऑक्सीजन की किल्लत (Oxygen shortage) के चलते अस्पताल नये मरीजों को भर्ती करने से इनकार करने लग गये हैं.

जयपुर. राजस्थान में एक्टिव रोगियों (Corona Active Case) की बढ़ती संख्या और लगातार कम पड़ती ऑक्सीजन (Oxygen) ने प्रदेशवासियों को दोहरे संकट में डाल दिया है. सोमवार रात तक प्रदेश में एक्टिव मरीज 194371 हो गए. वे आज दो लाख के पार हो जाएंगे. दूसरी ओर ऑक्सीजन की बढ़ती डिमांड के बीच इसकी किल्लत सुदूर जिलों से लेकर राजधानी तक में हो रही है. अलवर में एक अस्पताल ने बकायदा बोर्ड लगा दिया कि आक्सीजन सप्लाई नहीं मिल रही है. अजमेर में एक अस्पताल ने परिजनों को मैसेज भेजा कि कोविड मरीजों को घर ले जाओ. हमारे पास सुबह तक ही ऑक्सीजन बची है. राजधानी में अस्पताल वाले कह रहे हैं कि ऑक्सीजन खुद लाइये तभी मरीज को भर्ती किया जाएगा. ऑक्सीजन का खुद इंतजाम करें तभी मरीज होगा भर्ती राज्य में पिछले 24 घंटे में 17 हजार से ज्यादा नए मामले आने के साथ ही 154 लोगों की मौत भी हो गई. आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी भी कुछ स्थानों पर मरीजों की मौत का कारण बन रही है. इसके चलते प्रदेश में कुछ अस्पताल प्रबंधकों ने 90 से ऊपर ऑक्सीजन स्तर वाले मरीजों को भर्ती करना ही बंद कर दिया है. इससे कम स्तर पर कई अस्पतालों में मरीज को उसी सूरत में भर्ती किया जा रहा है जबकि उसके तीमारदार अपने स्तर पर ऑक्सीजन का इंतजाम कर दें. अस्पताल संचालकों का कहना है कि सामान्य बैड की तो कमी नहीं है, लेकिन ऑक्सीजन बैड न होने पर यदि मरीज को एडमिट कर लें तो उसकी सारी जिम्मेदारी फिर अस्पताल प्रबंधन की हो जाती है. जबकि हमें डिमांड की तुलना में 30 से पचास फीसदी तक ऑक्सीजन कम मिल रही है.“आक्सीजन नहीं है, हम नहीं कर रहे इलाज” प्र्देश में कोरोना मरीजों के दबाव और ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पतालों में हालात बिगड़ने लगे हैं. कई अस्पताल नए मरीजों को भर्ती करने से साफ मना कर रहे हैं और पुराने भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन के अभाव में घर भेजने लगे हैं. अलवर के एक अस्पताल ने बकायदा बोर्ड चस्पा कर दिया है कि “आक्सीजन सप्लाई नहीं मिल रही है, इसलिए हम कोविड मरीजों को इलाज नहीं कर रहे हैं.” इस पर हंगामा होने पर प्रशासन ने दो बार दस-दस सिलेंडर अस्पताल भिजवाए. प्रबंधकों का कहना है कि उन्हें मरीजों की तुलना में 90 सिलेंडर की आवश्यकता है. परिजनों को संदेश आए, “अपने मरीजों को घर ले जाएं”
उधर अजमेर के एक निजी चिकित्सालय ने भी पर्याप्त ऑक्सीजन न होने के चलते अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को परिजनों को मैसेज भेज दिए कि वे इन्हें अपने घर ले जाएं, क्योंकि अस्पताल में सुबह तक के लिए ही ऑक्सीजन बची है. मैसेज पाकर तीमारदारों में खलबली मच गई और वे अस्पताल में एकत्रित होने लगे. हंगामा होने पर अधिकारियों तक जब यह बात पहुंची तो प्रशासन ने अस्पताल को पाबंद किया कि मरीजों को कहीं नहीं भेजा जाए और उनके लिए ऑक्सीजन का इंतजाम कर दिया जाएगा. …और इधर जनसेवा, घर बैठे 28 को मिली सांसें प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के बीच राहत भरी खबर भी है. जयपुर के ढाट माहेश्वरी समाज के लोगों ने ऑक्सीजन कनसंट्रेटर की मदद से होम आइसोलेशन में रह रहे 28 जरुरतमंद मरीजों को आक्सीजन मुहैया कराई. बाड़मेर के बलदेव और जयपुर के अरविंद राठी यहां हैंडीक्राफ्ट का व्यवसाय करते हैं. उन्होंने सात ऑक्सीजन कनसंट्रेटर मशीनें मंगवाकर ढाट माहेश्वरी युवा समिति को सौंप दी. समिति की ओर से जरुरतमंदों को घर में ऑक्सीजन मशीन उपलब्ध करा दी जाती है. अब तक 28 लोगों को घर बैठे ऑक्सीजन देकर उनकी जान बचाई गई है.





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