एक पैर छोटा, 15 सर्जरी… आग में तपकर कुंदन हुईं सुरश्री
मुंबई. इंसान में अगर आगे बढ़ने और कुछ कर दिखाने की ललक हो तो बुरे से बुरे हालात उसका रास्ता नहीं रोक सकते। महाराष्ट्र के नासिक की सुरश्री रहाणे ने इसे साबित कर दिया है। पीड़ा जन्म के साथ उनसे जुड़ गई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज वह सफल उद्यमी हैं। उनकी कंपनी ‘ईयरबुक कैनवस’ शिक्षण संस्थानों और कॉरपोरेट्स की सोशल साइट्स, ईयरबुक और मर्चेंडाइज बनाने में मदद कर रही है। सुरश्री अपनी कंपनी में 2023 तक 30 फीसदी पद विकलांगों को सौंपना चाहती हैं।
सुरश्री रहाणे का एक पैर दूसरे पैर से छोटा है। वह ठीक से नहीं चल सकतीं। जब वह सिर्फ 15 दिन की थीं, उनकी पहली सर्जरी हुई। इसके बाद अब तक 14 और सर्जरी हो चुकी हैं। ज्यादा फायदा नहीं हुआ। सुरश्री ने पढ़ाई से लेकर कामकाज में अपने हौसले और हिम्मत के दम पर सफलता पाई। वह स्कूल में टॉपर रहीं। उन्होंने पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वह सर्टिफाइड स्कूबा डाइवर होने के साथ-साथ प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर भी हैं।
नौकरी के दौरान बचत, खोली खुद की कंपनी
कारोबारी फैमिली में पली-बढ़ीं सुरश्री का सपना उद्यमी बनने का था। उनकी मां नासिक में उनके नाम से साड़ी स्टोर चलाती हैं। सुरश्री नौकरी करते हुए थोड़ी-थोड़ी बचत कर रही थीं। उन्होंने 2018 में ‘ईयरबुक कैनवस’ कंपनी की शुरुआत की। उनके क्लाइंट्स में आइएमएम अहमदाबाद, एफएमएफ दिल्ली और आइआइटी बॉम्बे जैसे संस्थान शामिल हैं।
22 की उम्र में सहपाठी से शादी
सुरश्री 30 साल की हो चुकी हैं। वह पेप्सीको और एचपी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ काम कर चुकी हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान जब वह 22 साल की थीं, उन्होंने सहपाठी अमोल बगुल से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों ने पढ़ाई जारी रखी। बीटेक करने के बाद दोनों को प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला मिल गया।