एम्स दिल्ली में अब UP- बिहार के मरीजों को नहीं होगी वेटिंग, इन अस्पतालों के साथ मिलकर बनाई जाएगी रेफरल नीति

नई दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली को अब और नई सुविधाओं और आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है. नई व्यवस्था के तहत अब इमरजेंसी (Emergency) में उपचार करवाने आ रहे यूपी-बिहार (UP- Bihar) सहित देश के कई राज्यों के मरीजों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एम्स में वेटिंग को खत्म करने के लिए नए निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास (Dr. M. Srinivas) ने सभी विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक कर सुविधाओं को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके तहत अब दिल्ली-एनसीआर के आसपास के अस्पतालों के साथ मिलकर रेफरल नीति विकसित करने पर सहमति बनी है. निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि आपातकालीन चिकित्सा के बाहर प्रतीक्षा कर रहे रोगियों का प्रमुख कारण पहले से जांचे गए और त्रैमासिक रोगियों के लिए प्रवेश बिस्तरों की कमी है. इसको दूर करने के लिए अब एम्स के आसपास 20 अस्पतालों के साथ मिलकर स्थिर मरीजों के लिए रेफरल नीति तैयार की जाएगी. इसको लेकर जल्द ही निदेशक सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों के साथ बैठक करेंगे.
एम्स दिल्ली के नए निदेशक का कार्यभार संभालने के साथ ही डॉ एम श्रीनिवास मरीजों को राहत देते हुए एक के बाद एक नए सर्कुलर जारी कर रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले दिनों ही एम्स निदेशक ने अस्पताल के सभी डॉक्टरों, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड्स के लिए एक अहम एडवाइजरी जारी किया था. इसमें उन्होंने दिल्ली एम्स परिसर में घूमते एजेंट या दलालों को लेकर सख्ती बरतने के आदेश दिए थे. साथ ही एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया था, जिस पर दलालों के बारे में लोग या स्टॉफ शिकायत कर सकते हैं.

नए निदेशक ने जंग लगे रोगियों के ट्रॉलियों को हटा कर सुरक्षा उपकरण के साथ नई ट्रोलियों को जोड़ने का आदेश दिया है.
दिल्ली एम्स को और आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा
नए निदेशक ने जंग लगे रोगियों के ट्रॉलियों को हटा कर सुरक्षा उपकरण के साथ नई ट्रोलियों को जोड़ने का आदेश दिया है. हालांकि, इस साल मार्च में ही साइड रेल के साथ 50 नई ट्रॉलियों जोड़ी गई थी. नवंबर के अंत तक 150 ट्रॉलियों और आने की संभावना है. निदेशक ने कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है.
एम्स में अब इलाज कराना होगा और आसान
इसके साथ ही रोगियों के बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला लिया गया है. आपातकालीन सेवा में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है. हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इमरजेंसी में 48 घंटे से अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. ऐसे मरीजों के लिए आपातकालीन विभाग में 5 बेड की व्यवस्था की गई है.

डॉक्टरों, नर्सिंग स्टॉफ के साथ नए-नए उपकरण खऱीदे जाएंगे.
इन विभागों में स्वास्थ्यकर्मियाों की होगी नियुक्ति
इसके साथ ही नए निदेशक ने फैसला लिया है कि कार्डियोलॉजी विभाग और न्यूरोलॉजी विभाग के 5 इन पेशेंट बेड को कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी के रोगियों के प्रवेश के लिए चिह्नित किया जाएगा. इसके साथ ही आपातकालीन रोगी के लिए एबी -3 वार्ड आबंटित कर दिया गया है. यह वार्ड पहले प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के पास था जो अब एमसीएच ब्लॉक में स्थानांतरित हो गया है.
एम्स दिल्ली में सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
इसके साथ ही डॉक्टरों और अन्य नर्सिंग स्टॉफ की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया गया है. निदेशक ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि एक समेकित प्रस्ताव दिया जाए. जरूरत के आधार पर सरकार से नई मंजूरी मांगी जाएगी. हालांकि, एम्स अपने स्तर पर भी कर्मचारियों की व्यवस्था करेगा.

डॉक्टरों और अन्य नर्सिंग स्टॉफ की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया गया है. (File Photo)
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गौरतलब है कि एम्स की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि परिसर में किसी भी प्रकार के अनधिकृत व्यक्तियों, दुकान या कंपनियों के एजेंट्स या दलालों का प्रवेश प्रतिबंधित है. एम्स के डॉक्टर, नर्स और स्टाफ को दिए गए निर्देशों में कहा गया कि अगर कोई भी ऐसा व्यक्ति मिले तो इसकी शिकायत 9355023969 नंबर पर व्हाट्सएप करके की जा सकती है. इसके अलावा director@aiims.edu पर भी जानकारी दी जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2022, 14:13 IST