जेलेंस्की को देकर चोट ट्रंप ने पुतिन के आंगन में भेजा था अपना दूत, रूस ने दिखा दिया ठेंगा

Last Updated:March 13, 2025, 19:38 IST
America Russia Relation: अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इस बीच खबर है कि अमेरिका ने रूस में अपने नेगोशिएटर्स भेजे हैं. लेकिन खबर है कि दोनों के बीच बातचीत अभी बन नहीं पाई है.
रूस पहुंचे अमेरिका के नेगोशिएटर्स. (फोटो AP)
हाइलाइट्स
अमेरिका ने रूस में अपने नेगोशिएटर्स भेजे हैं.रूस ने युद्धविराम पर हामी नहीं भरी है.अमेरिका ने यूक्रेन की ऊर्जा सहायता में 75 मिलियन डॉलर की कटौती की.
America Russia Relation: डोनाल्ड ट्रंप और वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, अमेरिका ने एक अहम कदम उठाते हुए रूस से बातचीत के लिए अपने नेगोशिएटर्स को भेज दिया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि अमेरिकी वार्ताकार रूस पहुंच चुके हैं और दोनों देशों के बीच जल्द ही बातचीत शुरू होगी. अमेरिकी वार्ताकार यूक्रेन में 30-दिवसीय युद्धविराम की अपनी योजना प्रस्तुत करने के लिए गुरुवार को रूस पहुंचे थे. लेकिन युद्धविराम को लेकर फिलहाल रूस ने हामी नहीं भरी है.
हालांकि, बातचीत के विषयों और दायरे के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. यह घटनाक्रम ट्रंप के उस बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने रूस के साथ बातचीत की संभावना जताई थी. वहीं क्रेमलिन के एक शीर्ष सहयोगी ने गुरुवार को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम के लिए अमेरिका-यूक्रेनी प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि यह यूक्रेनी सेना के लिए बस एक “राहत” होगी.
पढ़ें- Russia Ukraine War: जवानों के पास आया एक पैकेट, खोलते ही मच गया हड़कंप, सीधे पुतिन तक पहुंच गई बात
बेहद महत्वपूर्ण साबित बातचीतयह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर है. तीन साल से जारी संघर्ष और आर्थिक प्रतिबंधों के चलते दोनों देशों के बीच संबंध बेहद खराब हैं. ऐसे में यह वार्ताएं अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं.
US ने की 75 मिलियन डॉलर की सहायता में कटौतीइसी बीच एक अलग घटनाक्रम में अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली ऊर्जा सहायता में 75 मिलियन डॉलर की कटौती कर दी है. यूक्रेनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, USAID ने 27 फरवरी को औपचारिक रूप से इस अनुदान को समाप्त करने की घोषणा की.
यह अनुदान मूल रूप से 2023 में 25 मिलियन डॉलर के साथ शुरू किया गया था, जिसे 2024 में बढ़ाकर 50 मिलियन डॉलर कर दिया गया था. इसका उद्देश्य यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत बनाना था. अप्रैल 2022 में यूक्रेनी ऊर्जा मंत्री और EU ऊर्जा आयुक्त ने मिलकर इस फंड की स्थापना की थी.
यूक्रेन के लिए खड़ा होगा संकटमार्च 2025 तक इस फंड में 30 से अधिक देशों और संगठनों ने 1 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया था. इसमें EU सदस्य देश, ब्रिटेन और अमेरिका भी शामिल थे. यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस श्मीगल ने इस कटौती पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर असर पड़ेगा. इससे यूक्रेन की ऊर्जा सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मदद पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 13, 2025, 19:38 IST
homeworld
जेलेंस्की को देकर चोट ट्रंप ने पुतिन के पास भेजा दूत, रूस ने दिखाया ठेंगा