Health

कटकर अलग हुए हाथ, पैर, कान, उंगली फिर जुड़ सकते हैं बस करें ये आसान काम, डॉक्‍टरों ने दी राय

हाइलाइट्स

शरीर का कोई भी अंग कट जाने के बाद कुछ घंटे तक ही जिंदा रहता है.
कटे हुए अंग को जिंदा रखने के लिए बर्फ की पॉलीथ‍िन में रखना होता है.

शरीर के सभी अंग जरूरी हैं. अगर एक भी अंग कट जाए तो काम करना मुश्किल हो जाता है. आमतौर पर एक्‍सीडेंट या दुर्घटनाओं, कारखानों, मशीनों में आ जाने से लोगों के शरीर के अंग जैसे हाथ, उंगली, पैर, अंगूठा आदि कटकर पूरी तरह अलग हो जाते हैं लेकिन क्‍या आपको पता है कि कटने के बाद अलग हुए यही अंग आपके शरीर में फिर से जुड़ सकते हैं और पहले ही तरह ही काम भी कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए पीड़‍ित व्‍यक्ति को अस्‍पताल ले जाने से पहले एक जरूरी काम करना होगा. आपको उस कटे हुए अंग को ढूंढना होगा और फिर उसे डॉक्‍टरों के द्वारा बताए जा रहे तरीके से सुरक्षित और जिंदा रखना होगा, ताकि डॉक्‍टर उसे फिर से जोड़ सकें.

सर गंगा राम अस्पताल दिल्‍ली के डिपार्टमेंट ऑफ़ प्लास्टिक एंड कॉस्मेटिक सर्जरी, चेयरमैन डॉ. महेश मंगल न्‍यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं शरीर के अंग का कट जाना नई बात नहीं है. खासतौर पर भारत में आए दिन ऐसे मामले होते हैं जब खेती-किसानी का काम करने वाले, फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर, घरों में खेलते छोटे बच्‍चे या किसी भी अन्‍य प्रकार की दुर्घटना में लोगों के शरीर के जरूरी बॉडी पार्ट्स पूरी तरह कटकर अलग हो जाते हैं. हालांकि महत्‍वपूर्ण बात उस कटे या अलग हो चुके बॉडी पार्ट को एक निश्चित समय तक जिंदा रखना या बचाए रखना है, ताकि उसे फिर से शरीर से जोड़ा जा सके.

शरीर के कटे हुए अंग को जिंदा रखने के लिए एक पॉलिथीन में कटा बॉडी पार्ट और दूसरी बड़ी पॉलिथीन में बर्फ रखें. ध्‍यान रहे कि कटे अंग की थैली को बड़ी थैली के अंदर लटका दें लेकिन बर्फ से छूने न दें.

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शरीर के कटे हुए अंग को जिंदा रखने के लिए एक पॉलिथीन में कटा बॉडी पार्ट और दूसरी बड़ी पॉलिथीन में बर्फ रखें. ध्‍यान रहे कि कटे अंग की थैली को बड़ी थैली के अंदर लटका दें लेकिन बर्फ से छूने न दें.

डॉ. मंगल कहते हैं कि डॉक्‍टरों का कम अंग जोड़ना है लेकिन रोगियों या रिश्‍तेदारों का काम है कि वे उस अंग को सही हालत में डॉक्‍टरों तक पहुंचा दें. रोगियों और रिश्तेदारों को सबसे पहले कटे हुए हिस्से की खोज करनी चाहिए. जब वह अंग मिल जाए तो उसे जीवित रखने के लिए सबसे पहले एक छोटी पॉलिथिन लें, जो कि कहीं भी आसानी से उपलब्ध रहती है. फिर कटे अंग को अच्‍छे से साफ पानी से धो कर उस साफ पॉलिथीन में डाल लें और उसकी गांठ बांध लें. उसके बाद इस पॉलिथीन को एक दूसरे बर्फ से भरे बड़े पॉलिथीन में अंदर इस तरह बांधकर लटका लें कि कटे हुए अंग का सीधा संपर्क बर्फ से न हो. यानी कि पॉलिथीन में भी बर्फ और अंग एक दूसरे को न छुएं, बस अंग को हल्‍की ठंडक मिलती रहे. इसके बाद जल्द से जल्द मरीज को कटे हुए अंगो के पॉलिथीन के साथ बड़े अस्पताल ले जायें जहां इसे दोबारा जोड़ने की प्रक्रिया संभव हो.

डॉ. मंगल कहते हैं कि आमतौर पर हाथ, कोहनी से नीचे हाथ, पैर, टखना, घुटने तक पैर, कंधे तक पूरी बांह, उंगली, अंगूठा, पैर की उंगलियां, कान, पुरुषों का लिंग, महिलाओं के सिर के बालों से चिपकी खोपड़ी आदि अंग कट जाते हैं हालांकि पॉलीथिन में रखने के बावजूद भी इनके जिंदा रहने का तय समय होता है, अगर उससे पहले ये अंग अस्‍पताल में डॉक्‍टरों तक पहुंच जाते हैं तो मरीज के शरीर में इन्‍हें वापस लगाना संभव होता है.

हाथ-पैर की उंगलियां या अंगूठा- हाथ या पैर की कटी उंगलियों को आराम से 16-18 घंटे तक बर्फ की थैली के अंदर सुरक्षित रखकर जोड़ा जा सकता है. हालांकि अस्‍पताल में 24 घंटे तक भी सहेज कर रखी कटी उंगलियों को जोड़ा गया है.

कलाई से हाथ- अगर कलाई से हाथ कटकर अलग हो गया है तो यह आराम से 8-10 घंटे के अंदर जुड़ सकता है.

पुरुष का लिंग- अगर किसी पुरुष का लिंग कट गया है तो वह आराम से 10-12 घंटे के अंदर जुड़ सकता है.

कोहनी से हाथ- अगर किसी व्‍यक्ति का हाथ कोहनी तक कटकर अलग गिर गया है तो वह 8 घंटे के अंदर जुड़ सकता है.

पूरी बाजू- अगर किसी का हाथ कंधे से लेकर कट गया है तो वह 6 घंटे के अंदर जुड़ सकता है. दरअसल किसी अंग में जितना ज्‍यादा मसल्‍स और मांस आने लगता है, उतना ही उसका समय कम होता जाता है क्‍योंकि मसल्‍स ब्‍लड सप्‍लाई के बिना ज्‍यादा लंबे समय तक जिंदा नहीं रहती हैं.

कान- कान भी बर्फ की थैली में जिंदा रखने के बाद 10-12 घंटे के अंदर जोड़ा जा सकता है.

खोपड़ी-अगर महिलाओं के सिर के बाल कहीं अटक जाते हैं और सिर की त्‍वचा बाहर आ जाती है तो वे भी 10-12 घंटे बाद तक जोड़े जा सकते हैं. हालांकि ध्‍यान रखना है कि ये सभी बॉडी पार्ट्स जिंदा होने चाहिए.

Tags: Gangaram Hospital, Health News

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