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कम बजट फिल्मों के लिए थे ‘राजेश खन्ना’, ठुकराईं 2 बड़ी फिल्में, ऐसा हुआ टोटा कि करने लगे 2 मिनट वाले रोल

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1970 से 1973 तक नवीन का ग्राफ तेजी से बॉलीवुड में चढ़ा और उन्हें स्टार कहा जाने लगा. उन्होंने ‘परवाना’, ‘बुड्ढा मिल गया’, ‘विक्टोरिया न. 203’, ‘धुंध’, ‘धर्मा’, ‘छैला’, ‘हंसते जख्म’ जैसी कई फिल्मों के जरिए नवीन ने अपनी प्रतिभा दिखाई. लेकिन कहते हैं ना अक्सर सफलता के बीच हम गलत निर्णय लेना शुरू कर देते हैं और ऐसा ही कुछ नवीन निश्चल के साथ हुआ.