करौली हिंसा: खुली सुनवाई में कागजों में दर्ज हुआ पीड़ितों का दर्द, मुख्य आरोपी की तलाश जारी
जयपुर. करौली दंगों (Karauli Violence) पर राजस्थान सरकार की जांच टीम ने खुली जनसुनवाई कर पीड़ितों के बयान दर्ज किये हैं. दंगों से प्रभावित पीड़ितों (Riot affected) और आई विटनेस की खुले में सुनवाई शुरू की गई है. मौखिक सुनवाई के साथ लिखित में भी उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं. ये सुनवाई करौली के सर्किट हाउस में चल रही है. सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी. करौली हिंसा की जांच के लिये राजस्थान सरकार की ओर से गठित विशेष टीम की अगुवाई राज्य के गृह सचिव केसी मीणा कर रहे हैं. उनकी अगुवाई में ही ये सुनवाई हो रही है. दूसरी तरफ बीजेपी ने आरोप लगाया कि हिंसा के आरोपियों को सरकार का संरक्षण है. मुख्य आरोपी मतलूम अहमद अभी फरार है.
करौली में नवसंवत्सर पर 2 अप्रेल को बाइक रैली पर पथराव के बाद वहां हिंसा फैल गई थी. 16 दिन बाद राजस्थान सरकार की जांच टीम करौली पहुंची. पहले दिन पुलिस और प्रशासन का पक्ष जानने के बाद मंगलवार को खुली जनसुनवाई की. घटना के दिन क्या हुआ था? बुधवार को इस मसले पर जनसुनवाई करके अन्य पक्षों की बात भी सुनी जायेगी और साक्ष्य एकत्र किये जायेंगे.
बीजेपी का आरोप सरकार जांच का दिखावा कर रही है
इस बीच दंगों का मुख्य आरोपी पार्षद मतलूम अहमद फरार है. मतलूम की तलाशी के लिए तीन राज्यों एमपी यूपी और राजस्थान में मंगलवार को ही पुलिस की तीन टीमें भेजी गई हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार का मतलूम अहमद को संरक्षण है. बीजेपी का आरोप है कि करौली दंगे के आरोपी शांति समिति की बैठकों में शामिल हो रहे हैं. फिर दंगों की जांच का दिखावा क्यों किया जा रहा है.
मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के बयान से फिर गरमा गई थी सियासत
करौली दंगों पर सियासत उस वक्त फिर गरमा गई थी जब चार दिन पहले राजस्थान सरकार के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा था कि दंगों में मुसलमानों का अधिक नुकसान हुआ है. 80 दुकानें जली उनमें से 73 मुसलमानों की थी जबकि हिंदुओं की 7 ही थी. हालांकि जिन मुस्लिमों की दुकानें जली उनमें भी अधिकतर के मालिक हिंदू ही हैं.
बीजेपी और कांग्रेस की टीमें भी पहुंची थी दंगा प्रभावित इलाकों में
इससे पहले करौली दंगे के तीन दिन बाद ही सियासत तब शुरू हो गई थी. उसके बाद कांग्रेस की एक टीम दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट में हिंसा की वजह रैली में उतेजक नारों को बताया. जबकि बीजेपी की टीम ने दौरे के बाद हिंसा के लिए मुस्लिम आबादी से पथराव को बताया था. बीजेपी दंगों के बाद हिंदुओं के पलयान का भी आरोप लगाती रही है.
(इनपुट- धर्मेन्द्र शर्मा)
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