Rajasthan

किसानों के लिए आय बढ़ाने का जरिया बनी ये खेती, परंपरागत तरीके छोड़कर अपना रहे ये तकनीक | vegetables and flowers farming increasing income of farmers leaving traditional methods and adopting scientifically techniques

किसान परंपरागत तरीके छोड़कर वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे हैं। किसान अब फसल के साथ-साथ सब्जी व फूलों की खेती भी कर रहा है। किसान खेती के तौर तरीकों में परिवर्तन कर निरंतर आय का जरिया भी बना रहे हैं।

किसान परंपरागत तरीके छोड़कर वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे हैं। किसान अब फसल के साथ-साथ सब्जी व फूलों की खेती भी कर रहा है। किसान खेती के तौर तरीकों में परिवर्तन कर निरंतर आय का जरिया भी बना रहे हैं। जैतपुरा के किसान अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जैविक खेती के साथ-साथ व्यापारिक खेती भी कर रहे हैं। इस बहुउदेश्य खेती से किसान धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं। अब खेती के तौर तरीकों में परिवर्तन कर निरंतर आय का जरिया भी बना रहे हैं। किसानों ने बताया कि जमीन में अलग-अलग मौसम के अनुकूल सब्जियां बोई जाती है। एक सब्जी पूरी होने के बाद दूसरी सब्जी शुरू हो जाती है, इसके बाद तीसरी सब्जी शुरू हो जाती है। जिससे निरंतर घर में आय का जरिया बना रहता है, घर पर खाने के लिए भी ताजा व शुद्ध सब्जियां मिल जाती है। सीजन के हिसाब से फूलों की खेती करने से किसानों को अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है।

मंडी में ले जाकर बेच रहे फूल
भूरथल निवासी मदन इन्दौरा ने बताया कि वह गुलाब के फूल, हजारे के फूल लगा रखे हैं। वर्तमान में फूलों का अच्छा भाव मिल रहा है। फूलों की खेती से किसान अच्छी नकदी भी प्राप्त कर रहे हैं। फूलों को चौमूं मंडी में ले जाकर बेच देते हैं।

शुद्ध सब्जियों की कर रहे खेती
अनंतपुरा निवासी बाबूलाल घील ने पत्ता गोभी के साथ-साथ बाजरा, टमाटर, लौकी, तुरई भी लगा रखी है। टमाटर खत्म होने के बाद लौकी शुरू हो जाएगी। वहीं पशुओं के लिए बाजरा व घर पर काम आने के लिए भी शुद्ध सब्जियां खेत पर उगा रखी है।

वैज्ञानिक तरीके का उपयोग
गोल्यावाला निवासी राधेश्याम पतालिया ने खेत में आंवले, बील व पपीता के पौधे लगा रखे हैं। पहले मिट्टी के अनुकूल बीज बोते हैं। तुरई, लौकी जैसी फसलों के लिए स्ट्रक्चर का उपयोग किया जा रहा है। जिससे अच्छी किस्म की उपज मिलती है। फूलों के भाव मंडी में पता करने के बाद अच्छे भाव वाली मंडी में उसे बेचा जा रहा है। खाली बची जगह में घर के लिए सब्जियां, अनाज व पशुओं के लिए चारे की पैदावार कर रहे हैं।

इनका कहना है…
फूलों की खेती, सब्जियों की खेती किसानों के लिए नकदी फसल मानी जाती है। किसान आधुनिक तरीके से खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। किस वर्तमान में लोटनल, मल्च, ड्रिप सिस्टम, फार्म पॉण्ड की सुविधा का भी उपयोग कर रहे हैं।
—हंसा यादव, कृषि पर्यवेक्षक

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj