किसान ने किया खेती में नवाचार, नागौर में पहली बार हुई काले गेहूं की खेती
कृष्ण कुमार/नागौर : पश्चिमी राजस्थान में खेती मे नवाचार करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. क्योंकि यहां पर आसानी से किसी फसल के लिए यहां का वातावरण अनुकूल नही होता है. ऐसे मे किसी भी नई तरह की फसल बोने के लिए काफी मेहनत व रुपयों का खर्च आता है. हम सबने गेहूं के बारे में सुना है गेहूं की कई तरह की किस्में बाजार मे उपलब्ध है. अक्सर देखा जाता है कि गेहूं हल्का सुनहरा रंग का होता है परन्तु क्या आपने काले गेहूं के बारे मे सुना है या देखा है लेकिन नागौर के किसान मनीष शर्मा ने काले गेहूं की खेती की है जो अब तक सक्सेस है.
जानिए कैसे की खेती
किसान मनीष शर्मा ने बताया कि काले गेहूं की दो तरह की वैरायटी होती है. जिसमें नाबी एमजी और पूसा-डीईए161 की दो किस्म होती है. मनीष शर्मा ने पहली बार यह खेती की है. इस सक्सेस करने के लिए जैविक विधि का सहारा लिया जिसमे किसान ने खेती से पहले सड़ी गल्ली खाद डाली. उसके बाद खेत मे इनकी बुवाई की. किसान ने बताया कि इसकी कीमत 7700 रुपये प्रति क्विंटल है तथा इसका बीज 250 रुपये प्रतिकिलो बिकता है.
कालो गेहूं मे पोषक तत्व व विटामिन
काले गेहूं में पाये जाने वाले पोषक तत्व जो कि सामान्य गेहूं की तुलना में कई अधिक मात्रा में होते हैं. जिसमें वसा ज़िंक प्रोटीन कॉपर आयरन फाइबर ,सेलेनियम , कैल्शियम ,पोटेशियम, मैग्नीशियम फॉस्फोरस व कार्बोहाइड्रेट व विटामिन – बी1, बी2, बी3, बी5 और बी9 विटामिन पाया जाता है.
काले गेहूं मे ज्यादा पोषक तत्व होने की वजह से इसका सीधा सेवन नहीं किया जा सकता है जिसका कारण है कि शरीर इसका पाचन नही कर पाता है. इसके लिए इसकी रोटी बनाने के लिए 60% सामान्य गेहूं व 40% काले गेहूं के आटा को सम्मिलित किया जाता है.
काले गेहूं के सेवन से दिल की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है शुगर मरीज़ इसको उपयोग में ले सकता है क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा ना के बराबर पायी जाती है . काला गेहूँ खून में tryglisried फ़ैट के स्तर को बढ़ने नहीं देता जिससे कि हमारा शरीर वसा को काम में लेकर ऊर्जा का निर्माण करता है . प्रोटीन और फ़ाइबर होने की वजह से काले गेहूँ दिल से सम्बन्धी बीमारियाँ और हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर नहीं होते है.
काले गेहूं में मैग्निशियम प्रचुर मात्रा में होता है जिससे कि कोलेस्ट्रोल स्तर सामान्य रहता है .काला गेहूं क़ब्ज़ और पेट के कैन्सर में लाभदायक होता है .काले गेहूं के उपयोग से डायबिटीज स्तर कंट्रोल में रहता है . नए टिशू और खून की कमी को दूर करता है . इसमें ज़िंक और आइरन (35% और 60%) पाये जाते हैं जो कि दूसरे गेहूं से लगभग दुगुनी मात्रा में होते है .
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FIRST PUBLISHED : December 30, 2023, 01:00 IST