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कीलू के हौसलों ने भरी उड़ान…धारावी से निकल आर्मी में बना अफसर | Keelu’s courage soared…after leaving Dharavi he became an officer in

उमेश कीलू का जन्म सायन कोलीवाड़ा झुग्गी बस्ती में हुआ। वह अपने परिवार के साथ मात्र 10 फीट गुना 5 फीट के मकान में रहता था। उमेश के पिता परिवार का भरण-पोषण करने के लिए चित्रकार के रूप में काम करते थे। 2013 में उनके पिता का लकवा हो गया और बाद में उनका निधन हो गया। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। इस पर परिवार की सभी जिम्मेदारी उमेश पर आ गई। इसके बावजूद कीलू ने आइटी में बीएससी और कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की। इस दौरान उसने एनसीसी एयर विंग में भी काम किया और सी प्रमाणपत्र हासिल किया। उमेश ने सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) को पास करने और प्रतिष्ठित अकादमी में शामिल होने के लिए 12 प्रयास किए। इसके बाद पूरी मेहनत की और माता-पिता के सपनों को पूरा किया।

साइबर कैफे में नौकरी उमेश ने अपना और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक साइबर कैफे में पार्टटाइम नौकरी और कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम किया। उमेश ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी नौकरी की लेकिन नियमित आय से परिवार का भरण-पोषण ही संभव था। पिता के इलाज के लिए और पैसे की जरूरत थी, ऐसे में सप्ताहांत में ब्रिटिश काउंसिल के साथ काम भी किया।

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