कोरोना इफेक्ट : निजी स्कूलों से मोहभंग, सरकारी बन रहे पसंद
कोरोना इफेक्ट के बाद निजी विद्यालयों की बजाय छात्र.छात्राओं का सरकारी विद्यालयों के प्रति रुझान बढा है। नए प्रवेश हों चाहे निजी विद्यालयों से स्थानांतरण के मामलेए छात्र.छात्राओं का सरकारी विद्यालयों के प्रति भरोसा भी बढ़ा है। पिछले एक माह में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 10 हजार से अधिक बच्चों का नामांकन हुआ है।
10 हजार से ज्यादा एडमिशन
अजमेर जिले में सरकारी विद्यालयों में प्रवेशोत्सव में छात्र.छात्राओं ने सरकारी विद्यालयों का रुख किया। पिछले डेढ़ माह में 10046 नामांकन बढ़ा है। इनमें 4832 छात्र एवं 5232 छात्राओं ने प्रवेश लिए हैं। जुलाई माह में सरकारी विद्यालयों में नामांकन बढ़ने के साथ अब इनमें आधारभूत सुविधाओं की दरकार है। कई विद्यालयों में कक्षा.कक्षों की कमी है।
श्रीनगर ब्लॉक अव्वल, किशनगढ़ पिछड़ा, सरकारी विद्यालयों में प्रवेश के मामले में श्रीनगर ब्लॉक सबसे आगे है। श्रीनगर ब्लॉक में एक माह में रिकॉर्ड 2247 प्रवेश हुए हैं। जबकि किशनगढ़ सबसे पीछे है। यहां मात्र 441 छात्र.छात्राओं ने ही प्रवेश लिया है। इसी तरह अजमेर शहर में 506 व सरवाड़ में 536 ही प्रवेश हुए हैं।
सरकारी योजनाओं के चलते सरकारी विद्यालयों के प्रति अभिभावकों की रुचि बढ़ी है। शिक्षा की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। प्रवेश अभी चल रहे हैं। नामांकन और बढने की संभावना है।
अनिल जोशीए जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, अजमेर
ब्लॉक कुल नए प्रवेश
अजमेर शहर 506
अरांई 977
भिनाय 939
जवाजा 1494
केकड़ी 1117
किशनगढ़ 441
मसूदा 1123
पीसांगन 684
सरवाड़ 536
श्रीनगर 2247
इसलिए बढ़ा नामांकन
कोरोना के बाद बदले हालात।
विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ।
निजी विद्यालयों की भारी.भरकम फीस।
सरकारी स्कूलों में मिड.डे मील।
पाठ्यपुस्तकें निरूशुल्क उपलब्ध।
ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा मिलना।
प्रारंभिक शिक्षा में प्रवेशोत्सव के तहत बढ़ा नामांकन