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खाते समय हंसें-बोलें नहीं, गैजेट से भी दूर रहें, नहीं तो…

Good eating habits: आयुर्वेद में भोजन यानी आहार के लिए आठ नियम बताए गए हैं, जिसे अष्ट आहार विधि विशेष आयतन कहते हैं। इन आठ नियमों के अनुसार आप खाना खाएंगे तो भोजन का सबसे ज्यादा लाभ ले सकते हैं। इसमें आठवां नियम है, उपयोग संस्थान। यानी कैसा और किस तरह से आहार लेना चाहिए। इसमें हाथ से खाने के फायदे बताए गए हैं, इन्हें जानिए-

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1. तापमान – न ज्यादा गर्म, न ठंडा : हाथ से खाने का फायदा यह है कि आप न ज्यादा गर्म खाएंगे और न ही ज्यादा ठंडा। जितना तापमान आपका मुंह सहन कर सकता है, हाथ से आप उतना ही तापमान वाला भोजन लेंगे।

 

2.कैसा बना है- न ज्यादा तैलीय, न बासी : हाथ से खाना खाएंगे तो न ज्यादा रूखा-सूखा और न ही ज्यादा तैलीय भोजन पसंद करेंगे। आप भोजन के टेक्सचर का पता भी हाथ से छूकर लगा सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि आप भोजन को जैसे ही हाथ में लेते हैं, आपको पता चल जाता है कि वह बासी हो गया है, जबकि कांटे या चम्मच से मुंह में खाना डालने पर ही इसका पता चल पाएगा।

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3. गति – गति तेज न होगी : तेज गति से भोजन करना पाचन के लिए ठीक नहीं है और बेहद धीमी गति से जठराग्नि परेशान होती है। इससे अपच की समस्या हो सकती है। हाथ से हम उतनी ही मात्रा में भोजन लेते हैं, जितना सामान्य गति से खा सकते हैं।

 

4. पंचमहाभूत – ईष्ट का स्वरूप है भोजन : अगर हम हाथ की तीन अंगुलियों और अंगूठे से खाते हैं तो वह अच्छा माना जाता है। हाथ की तीन अंगुलियां वायु, आकाश व पृथ्वी को और अंगूठा, अग्नि को रिप्रजेंट करता है। इन तत्त्वों को साथ लेकर भोजन करना बेहतर माना जाता है।

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5. तरीका- न बोलें, न हंसे : आयुर्वेद के अनुसार, शांत मन से भोजन करेंगे तो भी वह शरीर के लिए लाभप्रद होगा। इसलिए जब आप हाथ से भोजन करेंगे तो न बोलेंगे और न हंसेंगे। मोबाइल फोन जैसे गैजेट्स का इस्तेमाल भी न करें।

 

30 से अधिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की आशंका रहती है गलत तरीके से खाने से। अत: नियंत्रित तरीके से और हाथ से खाना खाने को ही प्राथमिकता दें।

 

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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