गहलोत बोले- मेरी जाति का एक ही एमएलए खुद मैं | First Convocation of Dr. Bhimrao Ambedkar Law University#

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि मेरी जाति का एक ही एमएलए खुद मैं हूं, छत्तीस कौम मुझे प्यार नहीं करती तो तीसरी बार सीएम नहीं बनता। यहां आपके सामने खड़े होकर बात कहने की स्थिति में नहीं होता।
जयपुर
Updated: December 16, 2021 10:00:02 pm
डॉ.भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि मेरी जाति का एक ही एमएलए खुद मैं हूं, छत्तीस कौम मुझे प्यार नहीं करती तो तीसरी बार सीएम नहीं बनता। यहां आपके सामने खड़े होकर बात कहने की स्थिति में नहीं होता। बिड़ला सभागार में आयोजित डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उनक कहना था कि गहलोत ने कहा-अंबेडकर के नाम पर यूनिवर्सिटी देने का सपना आखिर पूरा हुआ। मुझे लगता है उस सपने को पूरा करने के लिए ही प्रदेश की जनता ने लोगों ने मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया है। कई साथियों ने इस यूनिवर्सिटी का वीसी बनने से मना कर दिया था। कोई वीसी बनने से मना कर दे तो वह आश्चर्य की बात है। ऐसे उदाहरण भी देखे, मना करने वालों के नाम नहीं बताऊंगा। गहलोत ने कहा- पिछली बार हमने अंबेडकर के नाम से लॉ यूनिवर्सिटी और हरिदेव जोशी के नाम से पत्रकारिता यूनिवर्सिटी शुरू की। इसी बीच हमारी सरकार बदल गई और पता नहीं किन कारणों से दोनों विश्वविदृयालयों को बीजेपी सरकार ने बंद कर दिया। अभी तक समझ नहीं आ रहा है। देश में अब तक कोई विश्वविद्यालयों बनने के बाद आज तक बंद नहीं हुआ लेकिन अंबेडकर और हरिदेव जोशी दोनों ही महान हस्तियों के नाम पर महत्वपूर्ण विषयों के विश्विद्यालय क्यों बंद कर दिए, यह समझ से परे है। मुझे फिर से सीएम बनने का मौका मिला तो हमने दोनों विश्विद्यालयों के एक्ट बनाए और इन्हें फिर से शुरू किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना , मूल कर्तव्यों और इसके मूलभूत तत्वों की समझ आमजन में विकसित हो जाए तो गरीबी अमीरी वर्गभेद सहित देश की कई समस्याएं स्वत: ही दूर होने लगेंगी। उन्होंने उपस्थितजनों को बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत को पाकिस्तान पर मिली विजय की 50 वीं वर्षगांठ पर बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कम समय में ही इसे बार काउंसिल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता और भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सदस्यता मिल गई है, जो सराहनीय है। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं के ऑन स्क्रीन मूल्यांकन जैसे नवाचार करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रशंसा भी की।

गहलोत बोले- मेरी जाति का एक ही एमएलए खुद मैं
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