Rajasthan

गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल अगले माह तक टला, ये रही मुख्य वजह– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में फरेबदल (Ashok Gehlot Cabinet Expansion) की जोर-शोर से कसरत चल रही है. हालांकि, जुलाई में मंत्रिमंडल फेरबदल की उम्मीद कम है. अगस्त के दूसरे सप्ताह में फेरबदल हो सकता है. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक माकन के दो दिन के दौरे का मकसद मंत्रीमडंल फेरबदल के लिए विधायकों की रायशुमारी जानना है. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) 28-29 जुलाई को दो दिन के राजस्थान दौरे के दौरान संभागवार कांग्रेस विधायकों से वन-टू-वन मिलेंगे. विधायकों से गहलोत सरकार के कामकाज का फीडबैक लेंगे. माकन फीडबैक की पूरी रिपोर्ट तैयार कर राहुल गांधी को सौंपेगे. मंत्रीमडंल फेरबदल में ये फीडबैक रिपोर्ट भी अहम होगी.

विधायकों से मुलाकात के दौरान निगम बोर्डों में नियुक्ति को लेकर नाम पूछेंगे. जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए विधायकों की राय लेंगे. राजनीतिक नियुक्तियों और जिलाअध्यक्षों की नियुक्ति में एक आधार ये रायशुमारी भी होगी. इस पूरी कसरत के दो मकसद हैं: पहला कांग्रेस में नीचे तक ये संदेश देना कि पार्टी

हाईकमान सर्वोपरि है. हाईकमान की नजर सब पर है. काम करने वालों को पुरस्कृत और नॉन परफॉर्मर को ड्रॉप किया जाएगा.

इसका दूसरा मकसद गहलोत बनाम पायलट (Gehlot Vs Pilot) की गुटबाजी पर लगाम लगामा और पार्टी के विधायकों नेताओं कार्यकर्ताओं में ये संदेश देना की फैसले लेने वाली सत्ता दोनों से ऊपर है. खासकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए ये एक कड़ा संदेश होगा लेकिन मौजूदा हालात में गहलोत के लिए अपने स्तर पर फेरबदल करना काफी मुश्किल है. गहलोत खुद भी चाहेंगे कि मंत्री न बनने या राजनीतिक नियुक्तियों से वंचित रहने वाले विधायकों की नाराजगी का गुस्सा उन पर न फूटे. अगर संदेश जाएगा कि आलाकमान ने फैसला किया तो उनके लिए विधायकों की नाराजगी और वादाखिलाफी का खतरा कम हो जाएगा.

कई स्तर पर बदलाव करने की तैयारी

मंत्रिमंडल फेरबदल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के विदेश दौरे से लौटने के बाद किया जा सकता है. सोनिया गांधी इसी महीने के अंत में विदेश दौरे पर जा रही है. कांग्रेस आलाकमान का मकसद सिर्फ मंत्रिमंडल में फौरी तौर पर फेरबदल करना नहीं है. मंत्रिमंडल समेत पार्टी के कामकाज की पूरी सर्जरी करना. कई स्तर पर बदलाव करने की तैयारी है.

नॉन परफॉर्मर की सूचियां तैयार हो रही है तो पायलट कोटे से और गहलोत कोटे से बनने वाले मंत्रियो की सूचियां भी बन रही है. पार्टी सूत्रों का दावा है कि मंत्रिमंडल में कई बड़े चेहरे भी परफॉमेंस औऱ जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के पैमाने पर विदा हो सकते हैं.

इन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है:

जिन मंत्रियों के हटाने की चर्चा है उनमें सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, अर्जुनलाल बामनिया, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी, शिक्षा मंत्री गोविंद सिह डोटसरा और भजनलाल जाटव का नाम है. उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, परिवहन मंत्री प्रताप खाचियावास और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर भी तलवार लटकी है. कई मंत्री ऐसे हैं जिनकी परफॉर्मेंस कमजोर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हटाना चाहते हैं लेकिन नहीं हटा पा रहे हैं, उनके विभाग बदले जा सकते हैं. विभाग बदले जाने वाले मंत्रियों में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के नाम की भी चर्चा है.

इन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है:

जिन विधायकों के मंत्री पद की लॉटरी खुलने वाली उनमें सचिन पायलट कोटे से तीन नाम है: दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीणा के नाम की चर्चा है. हालांकि पायलट 5 से 6 चाहते हैं, फिलहाल तीन ही नाम हैं. गहलोत गुट से करीब 10 विधायकों को मंत्री बनाने की चर्चा है. उनमें महेश जोशी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, शंकुतला रावत, मंजु मेघवाल, जाहिदा, महादेव सिंह खंडेला, राजेंद्र गुढ़ा, गुरमीत सिंह किन्नर, रामलाल जाट और संयम लोढ़ा के नाम बताए जा रहे हैं.

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