गुजरात के डेयरी क्षेत्र का कमाल, 36 लाख किसानों को रोजाना मिल रहे 200 करोड़ रुपये, जानें इस सफलता का राज
अहमदाबाद : गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) से 36 लाख डेयरी किसानों को संयुक्त रूप से प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये मिलते हैं. इससे राज्य के लोगों को समृद्ध करने में मदद मिल रही है. राज्य में डेयरी क्षेत्र का आकार एक लाख करोड़ रुपये का हो गया है.
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि 10 से 12 जनवरी के बीच गांधीनगर में आयोजित होने वाला वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का 10वां संस्करण सरकार को कृषि, बागवानी और पशुपालन में राज्य की तेजी से वृद्धि को प्रदर्शित करने का एक मंच प्रदान करेगा.
सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्य का कृषि, बागवानी और पशुपालन क्षेत्र प्राकृतिक खेती तथा उन्नत प्रौद्योगिकियों के संयोजन के जरिये बेहतरीन वृद्धि कर रहा है. ये गुजरात की संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल करने वाली अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं और डेयरी क्षेत्र की वैश्विक प्रतिष्ठा को आगे बढ़ा रहे हैं.
मुख्यमंत्री पटेल ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ आगामी वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन 2024 प्राकृतिक कृषि पद्धतियों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के संयोजन की बदौलत कृषि, बागवानी और पशुपालन में राज्य की तेजी से हो रही वृद्धि को प्रदर्शित करेगा. यह समग्र दृष्टिकोण न केवल संसाधनों के महत्तम इस्तेमाल की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि डेयरी क्षेत्र में राज्य की वैश्विक स्थिति को भी बेहतर कर रहा है.’’
सरकारी बयान के अनुसार, गुजरात में डेयरी उद्योग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. जीसीएमएमएफ के जरिये 36 लाख डेयरी किसानों को प्रतिदिन 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है.
बयान में कहा गया, ‘‘ विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त अमूल ब्रांड जिसके तहत जीसीएमएमएफ दूध तथा डेयरी उत्पादों का विपणन करता है, लाखों डेयरी किसानों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है.’’
इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं जीसीएमएमएफ के पूर्व प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि गुजरात से अमूल की संगठित डेयरी खरीद 27 साल में 30 लाख लीटर से नौ गुना होकर 270 लाख लीटर हो गई है. यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रगति को दर्शाता है.’’
आणंद जिले के नापद वंतो गांव के ग्वाले शोभराज रबारी ने कहा कि उनके परिवार ने डेयरी व्यवसाय की शुरुआत दो गायों के साथ की थी और अब उनके पास 35 गाय हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन से हमें बहुत मदद मिली…मैं प्रति माह 2,000 लीटर दूध की आपूर्ति करता हूं. मेरी आय 1.10 लाख रुपये है. हमें दूध के अच्छे दाम मिल रहे हैं. हमें सरकार से अच्छा समर्थन मिल रहा है.’’
वहीं आणंद के बोरसद तालुका के ज़ारोला गांव के डेयरी किसान जयेश पटेल ने कहा, ‘‘ यह शिखर सम्मेलन मेरे लिए महत्वपूर्ण है. मेरे जैसे कई लोग इस शिखर सम्मेलन में भाग लेते हैं और कई लाभ प्राप्त करते हैं. मैंने लगातार वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन का फायदा उठाया है.’’
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Tags: Gujarat, Milk
FIRST PUBLISHED : January 2, 2024, 01:30 IST