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घास-फूस में मिलता है यह पौधा, देखने में मोहक और कंटीला, इसी में छुपी है जवानी की संजीवनी, वैज्ञानिकों ने भी माना

हाइलाइट्स

वैज्ञानिकों ने वनोकरा के इस छोटे-छोटे कंटीले फल में एंटी-एजिंग का संजीवना तलाशा है.
वनोकरा में पाए जाने वाले कंपाउंड से स्किन की झुर्रियां गायब हो सकती है.

Neelpushpa Vanokra Benefits for Skin Care: यह घास-फूस में उगने वाला ऐसा पौधा है जिसे कई नामों से जाना जाता है. शुद्ध हिन्दी में इसे नीलपुष्पा कहा जाता है जबकि इसे वनोकरा, खगड़ा आदि भी कहा जाता है. हालांकि इसे हर किसी के लिए पहचानना मुश्किल है. क्योंकि अधिकांश लोग इसका नाम नहीं जानते. अंग्रेजी में इसका नाम कोकलेबर (Cocklebur) है. शुरुआत में वनोकरा के पौधे पूरी तरह से हरा होता है और इसमें लगे फल मुलायम होते हैं. लेकिन कुछ ही दिनों बाद इसके छोटे-छोटे फल कंटीला हो जाते हैं. अगर वनोकरा के फल को बालों पर फेंक दिया जाए तो इसके कांटदार दांत बालों को पकड़ लेते हैं जिसे छुड़ाना मुश्किल हो जाता है. हम इसकी चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वैज्ञानिकों ने वनोकरा के इस छोटे-छोटे कंटीले फल में एंटी-एजिंग का संजीवना तलाशा है. यानी वनोकरा के फलों का इस्तेमाल किया जाए तो चेहरा हमेशा जवान दिखेगा. वनोकरा में एंटी एजिंग का कंपाउड तलाशा गया है. यह अध्ययन दक्षिण कोरिया के मयोंगजी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है.

स्किन को जवान बनाने वाले कोलेजन का प्रोडक्शन

हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक वनोकरा के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-एंफ्लामेटरी कंपाउंड पाया जाता है. साथ ही इसमें एंटी-एजिंग कंपाउड भी पाया जाता है जिससे बुढापा के असर को कम किया जा सकता है. इस संबंध में प्रस्तुत किए गए एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि आमतौर पर खर-पतवार माने जाने वाले वनोकरा में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लामेटरी कंपाउंड पाए जाते हैं जो स्किन की रक्षा कर चेहरे पर जवानी लाती है. अध्ययन के मुताबिक इस नुकीले और कांटेदार पौंधों में स्किन को सॉफ्ट और कमनीय बनाने वाले कंपाउंड कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाने की क्षमता है. कोलेजन के कारण ही बच्चे की स्किन सॉफ्ट होती है. यह स्किन के नीचे होती है. कोलेजन स्किन को कोमलता प्रदान करता है जिसके कारण स्किन जवान दिखती है. स्टडी के मुताबिक वनोकरा में पाए जाने वाले कंपाउंड से स्किन की झुर्रियां गायब हो सकती है.

घाव को भी तेजी से भरता है

शोधकर्ताओं ने बताया कि वनोकरा में जो कंपाउड पाए जाते हैं उससे स्किन सेल्स से फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मिलती है. साथ ही अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को जो क्षति होती है, उससे स्किन कोशिकाओं और टिशूज की मरम्मत भी हो जाती है. इस कारण यह स्किन के लिए बेहद फायदेमंद है और इसका इस्तेमाल स्किन को हमेशा जवान बनाए रख सकता है. इस अध्यन को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ बायोकेमिस्ट्री की सालाना बैठक डिस्कवर बीएमबी में प्रस्तुत किया गया है. इस अध्ययन के प्रमुख लेखक इयूनसू सोंग ने दावा किया कि वनोकरा के फलों में स्किन को जवान बनाने की जबरदस्त क्षमता है. ऐसे में वनोकरा का इस्तेमाल कॉस्मेटिक क्रीम बनाने के रूप में किया जा सकता है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि वनोकरा घाव को बेहद तेजी से भर देता है.

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