चंबल की कराइयों में मौजूद है बिजासन माता, यहां आने से ठीक हो जाते हैं कई तरह के रोग

शक्ति सिंह/कोटा. नवरात्र में देवी की महिमा का गुणगान, पूजन व दर्शन खास फल देने वाला माना गया है. माता के लिए कोई व्रत रखता है तो कोई उपवास रखते हैं कोई देवी के पाठ में लीन हो जाते है. यूं तो हर पर मां श्रेष्ठ है लेकिन नवरात्र की बात ही न्यारी है. हजारों श्रद्धालु हर रोज माता के दर्शनों के लिए कोटा के कुंन्हाड़ी इलाके में मौजूद 300 वर्षों से भी अधिक प्राचीन बिजासन माता मंदिर पहुंचते हैं.
धीरे-धीरे यहां पर बसी बस्ती
कुंन्हाड़ी के वार्ड पार्षद नवल सिंह हाडा ने बताया कि प्राचीन समय में कोटा में चंबल की कराइयों में मौजूद माता के शेल चित्र का 300 साल पूर्व रियासत काल से पहले के समय आदिवासी भील समाज के लोग पूजा अर्चना करते थे. धीरे-धीरे यहां बस्ती होने लगी और गांव में तब्दीली हो गई. आसपास क्षेत्र गांव के लोग आदिवासी भील समाज के लोग यहां पूजा अर्चना करने आते थे. सैकड़ों श्रद्धालुओं यात्रियों को देख तभी कुंन्हाड़ी के झाला दरबार ने इस बिजासन माता मंदिर की स्थापना करवाई.
मां के दरबार में जाते ही ठीक हो जाते हैं कई रोग
नवल सिंह ने बताया कि माता के मंदिर में अनेक तरह के रोगों का निराकरण होता है. मान्यता है कि यहां माता के दर्शन मात्र से लकवा, मिर्गी, शरीर में दर्द सही हो जाता है. आज भी कोटा के आसपास के गांव और पुराने लोग किसी भी तरह की बीमारी हो माता के दरबार में ही आते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद माता के मंदिर में एक रात रुकते हैं.
दोनों नवरात्रों में यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. देवी की महिमा अपरंपार है कई गंभीर बीमारियां से ग्रसित रोगी भी भी यहां आने के बाद सही हो जाते है. यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा मामला है न्यूज़ 18 इसकी इसकी पुष्टि नहीं करता है. यह सभी जानकारी स्थानीय लोगों पर आधारित है.
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FIRST PUBLISHED : October 22, 2023, 17:12 IST