जयपुर के जेके लोन अस्पताल को लेकर राजस्थान सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला | Rajasthan govt is going to take big decision regarding Jk lon Hospital of Jaipur

विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) शुभ्रा सिंह ने बैठक में कहा कि आर्थिक संसाधनों के अभाव में आमजन बच्चों में होने वाले दुर्लभ रोगों का समुचित उपचार कराने में परेशानी का सामना करते हैं। एसीएस ने दुर्लभ रोगों के उपचार और रिसर्च के लिए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में मेडिकल जेनेटिक्स विभाग की स्थापना करने, जन्मजात बीमारियों का पता लगाने के लिए यूनिवर्सल न्यूबोर्न स्क्रीनिंग कार्यक्रम संचालित करने, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज-जिला अस्पतालों में नोडल अधिकारी नियुक्त करने, चिकित्सा कार्मिकों को समुचित प्रशिक्षण दिलाने और आवश्यक दवाइयों-वैक्सीन की उपलब्धता के निर्देश भी दिए।
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बनेगा विशेषज्ञ पैनल
एसीएस ने कहा कि प्रदेश में संभाग स्तर पर कार्यरत चिकित्सकों में से शिशु रोग, न्यूरोलॉजी और फिजियोथैरेपी विभाग के चिकित्सकों का पैनल बनाकर महीने में एक बार मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीड़ित मरीजों का उपचार करवाया जाना चाहिए। उन्होंने इस रोग से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए एथिकल कमेटी की स्वीकृति के बाद संबंधित क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं विशेष योग्यजन निदेशालय के अधिकारियों को मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीडि़त रोगियों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने और जिला पुनर्वास केंद्र में इन मरीजों को उपचार प्रदान करने की संभावना तलाशने को कहा।