जयपुर ग्रेटर नगर निगम विवाद में कोर्ट ने वापस लौटाया चालान, कहा- अधूरा है। Jaipur News । Jaipur Greater Municipal Corporation controversy– News18 Hindi

इस जल्दबाजी में पुलिस ने आरोपियों को चालान पेश करने की जानकारी भी नहीं दी. इसके चलते चालान के दस्तावेजों पर अभियुक्तों के हस्ताक्षर भी नहीं है. इसके अलावा चालान में कई तरह की अन्य खामियां भी कोर्ट ने उजागर की है।. चालान में पुलिस ने मेयर सौम्या गुर्जर, पार्षद शंकर शर्मा, पारस जैन, अजय सिंह और रामकिशोर प्रजापत के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने और मारपीट करने के आरोपों को प्रमाणित माना है.
हाई कोर्ट में दी गई है चालान को चुनौती
निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर व अन्य ने ज्योति नगर थाने में दर्ज एफआईआर और पेश चालान को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके गुप्ता ने बताया कि सभी पर घृणित राजनीति से प्रेरित होकर मामला दर्ज करवाया गया है. पुलिस ने अपनी जांच में किसी भी स्वतंत्र गवाह के बयान दर्ज नहीं किए. एक्ट के अनुसार आयुक्त मेयर के आदेश को मानने के लिए बाध्य है. लेकिन आयुक्त ने मेयर का आदेश नहीं मानकर राजकार्य में बाधा डाली है. जबकि पुलिस ने मेयर के खिलाफ ही राजकार्य में बाधा डालने का चालान पेश कर दिया. यह पूरी तरह से गलत है. उधर मेयर की ओर से दाखिल की गई याचिका को हाई कोर्ट खारिज कर चुका है.