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राजस्थान की राजनीति में क्यों मचा है तूफान, बीजेपी और कांग्रेस किस बात पर हो रखी है आमने-सामने? जानें सबकुछ

Last Updated:February 27, 2025, 13:18 IST

Rajasthan politics : राजस्थान की राजनीति में इन दिनों खासी हलचल मची हुई है. यह हलचल विधानसभा में उपजे गतिरोध के कारण हो रही है. इस मसले को सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं. एक दूसरे पर जमकर आर…और पढ़ेंराजस्थान की राजनीति में क्यों मचा है तूफान, जानें किस बात पर बरपा है हंगामा?

राजस्थान विधानसभा में छह दिन से गतिरोध चल रहा है.

हाइलाइट्स

राजस्थान विधानसभा में ‘दादी’ शब्द पर विवाद जारी.कांग्रेस के छह विधायक निलंबित.बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भजनलाल सरकार के मंत्री की ओर से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लेकर इस्तेमाल किए गए ‘दादी’ शब्द के बाद मचा हंगामा छह दिन बाद शांत नहीं हो पाया है. यह मामाला शांत होने की बजाय और पेचिदा हो गया. दादी शब्द पर मचे बवाल के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत कांग्रेस के छह विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया. इससे मामला और उलझ गया. उसके बाद हालात ये हो गए हैं कि अब गतिरोध के बाद गतिरोध आ रहे हैं. इस मसले को लेकर सूबे की सियासत जबर्दस्त तरीके से गरमायी हुई है. गतिरोध के लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

इस गतिरोध को लेकर बुधवार को बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की ओर से प्रेसवार्ता बुलाई गई. इसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और मंत्री सुमित गोदारा शामिल हुए. प्रेसवार्ता में अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा के गतिरोध पर बात की.

राठौड़ बोले गहलोत घड़ियाली आंसू बहा रहे हैंमदन राठौड़ ने गहलोत के कानून-व्यवस्था पर किए हालिया ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारी सरकार के वक्त में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है. गहलोत घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. वे ऐसे ट्वीट कर सरकार की इमेज खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि गहलोत ने पायलट को हटाकर अपने शिष्य डोटासरा को पीसीसी अध्यक्ष बनाया.

डोटासरा ने वादाखिलाफी की हैसदन के गतिरोध पर उन्होंने कहा कि डोटासरा ने वादा करके सदन में माफी नहीं मांगी. यह वादा खिलाफी है. गतिरोध भी इसी वजह से हुआ है. राठौड़ ने कहा कि मैं कांग्रेस नेताओं से गुजारिश करता हूं कि वे अच्छे शब्द काम में लें. उन्होंने वादाखिलाफी की वे माफी मांगते तो बड़प्पन होता. राठौड़ ने गहलोत की ऐसे वक्त में सदन से दूरी पर भी कहा कि उन्होंने भी सदन का मान नहीं रखा. उनका व्यवहार भी अशोभनीय है.

जूली की सलाह-भगवान शंकर की प्ररेणा को याद रखेंवहीं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि विधानसभा में गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण है. हम सभी ने प्रयास किया कि यह गतिरोध टूटे, लेकिन टूट नहीं पाया. उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि हमें त्याग और कर्त्तव्य की सीख देती है. जिस तरह भगवान शंकर ने संसार की भलाई के लिए हलाहल विष का पान किया था उसी तरह हमें भी जनहित के लिए व्यक्तिगत हित, मान, अपमान और हठधर्मिता को भुला कर सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रयास करना होगा.

डोटासरा का तर्क- अध्यक्ष ने बिना तथ्यों को जाने प्रतिक्रिया दीपीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के भीतर और सदन नहीं चलने के दौरान हुए संपूर्ण घटनाक्रम पर उनकी ओर से प्रकट किए गए खेद के एक-एक शब्द की गवाह राजस्थान की जनता है. उन्होंने कहा वासुदेव देवनानी अच्छे एवं नेक इंसान हैं. लेकिन बिना तथ्यों को जाने और बिना दूसरे पक्ष की सुने यूं प्रतिक्रिया देंगे यह अपेक्षा से परे है. फिर भी उन्हें कष्ट पहुंचा है तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलकर खेद प्रकट करूंगा.

पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाएंडोटासरा ने कहा कि लेकिन सवाल फिर भी मंत्री की माफी का बाकी रहेगा जो समझौते में तय हुआ था. उसका जिक्र स्वयं अध्यक्ष ने सदन में कार्यवाही के दौरान किया था. डोटासरा ने कहा कि सदन में उत्पन्न गतिरोध का कारण मंत्री अविनाश गहलोत की अशोभनीय टिप्पणी है. देश के लिए बलिदान देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हम चाहते हैं कि गतिरोध टूटे. पक्ष-विपक्ष मिलकर सदन चलाएं.


Location :

Jaipur,Jaipur,Rajasthan

First Published :

February 27, 2025, 13:18 IST

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राजस्थान की राजनीति में क्यों मचा है तूफान, जानें किस बात पर बरपा है हंगामा?

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