जेएनयू की लाइब्रेरी पर रिसर्च कर डूंगरपुर में बनाया बुक कॉर्नर, यहां पर सवा लाख किताबों का खजाना
रिपोर्ट- जुगल कलाल
डूंगरपुर. किताबें पढ़ने वालों की कमी नहीं है. हालांकि आज के जमाने में लोग मोबाइल और कंप्यूटर को ज्यादा तरजीह देने लगे हैं, लेकिन इसके बावजूद कई लोग ऐसे हैं, जो किताबों को ही ज्यादा पसंद करते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि डूंगरपुर शहर में सवा लाख बुक्स की क्षमता वाली आधुनिक व हाइटेक लाइब्रेरी काे हैं. तीन फ्लाेर की इस लाइब्रेरी काे तैयार करने के लिए जेएनयू, डीयू, इंदाैर, जयपुर, उदयपुर की लाइब्रेरी काे देख कर रिसर्च करने के बाद इसे गुरुकुल शिक्षण संस्थान के परिसर में बनाई गई है.
डूंगरपुर शहर के पास बोरी में गुरुकुल कॉलेज में 3 मंजिला इस 1.5 लाख से भी ज्यादा किताबें हैं. इस लाइब्रेरी में गांधी जी व धार्मिक किताबों के लिए अलग से बुक बनाया गया हैं. लाइब्रेरी के चाराें तरफ पेड़ पाैधे हाेंगे. यहां पर 30 व्यक्तिगत डेस्क भी बने हुए हैं, ताकि पुस्तक का गहन अध्ययन करने वालाें काे किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हाे.
आपके शहर से (डूंगरपुर)
गांधी, धार्मिक व पर्नेलिटी डेवलपमेंट की किताबों लिए अलग से बुक कॉनर
लाइब्रेरी के तीसरे फ्लोर पर अलग-अलग बुक कॉर्नर किए गए हैं. जिसमें गांधी जी की किताबों और धार्मिक किताबों के लिए अलग से बुक कॉर्नर तैयार किया गया हैं. गांधी कॉर्नर में मुख्य रूप से हिंद स्वराज, सत्य के प्रयोग, गांधी विचार, बापू की ऐतिहासिक यात्रा, वर्तमान में महात्मा गांधी की प्रांसगिकता, गांधीजी की देन, आधुनिक हिन्दी साहित्य में गांधीवाद प्रमुख किताबे हैं. इसके अलावा यहां पर ओर भी बुक कॉनर तैयार किए जा रहे हैं.

डूंगरपुर लाइब्रेरी में हर सब्जेक्ट की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं.
जिसमें भारतीय इतिहास, चालुक्य वंश, मौर्य कालीन इतिहास, स्वतंत्रता सेनानी, राजा महाराजा का इतिहास, धर्म काॅर्नर, राजनीति समेत अलग अलग विषय के कॉर्नर बनाए जा रहा हैं. वहीं यहां पर प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ी 500 से अधिक किताबें, पुराने पेपर, पाठ्यक्रम भी यहां पर उपलब्ध हैं.
जेएनयू, दिल्ली, इंदाैर की लाइब्रेरी पर रिसर्च कर बनाई लाइब्रेरी
गुरुकुल कॉलेज डायरेक्टर शरद जाेशी ने बताया कि पुस्तक पढ़ने के दाैरान महसूस किया शहर में आधुनिक लाइब्रेरी हाेनी चाहिए. इसके लिए जेएनयू, दिल्ली, इंदाैर, उदयपुर समेत अन्य जगह की लाइब्रेरी काे देखा. इन सभी लाइब्रेरी काे देख कर एक अलग लाइब्रेरी काे तैयार की गई. इसमें डिजिटल लाइब्रेरी की अवधारणा काे शामिल किया है. इसमें सवा लाख बुक्स की क्षमता हाेने के साथ चाराें तरफ पेड़ पाैधाें हैं.
हर तरह से आधुनिक है लाइब्रेरी
इस लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए युवाओ को हर तरह माहौल उपलब्ध करवाया गया है. लाइब्रेरी में आरामदायक कुर्सी-टेबल, ठंडे पानी की व्यवस्था, पंखे, इनवर्टर, वाई-फाई, CCTV और कमरे में नक्शे और सुलेख की सुविधाएं यहां हैं.
यहां हर विषय पर किताबें
लाइब्रेरी का बड़ा फायदा है कि किसी भी विषय की किताब को आप आसानी से पा सकते हैं. सभी स्कूल कॉलेजों में लाइब्रेरी होती है जहां पर एक बार में दो या तीन किताबें दी जाती हैं. किताबें पढ़कर हम जमा करते हैं और दूसरी किताब उसके स्थान पर ले सकते हैं. लाइब्रेरी में हर प्रकार की नई पुरानी के साथ दुर्लभ किताब उपलब्ध होती है. ऐसी बहुत ही किताबें हैं, जो बाजार में आसानी से नहीं मिलती हैं. उन्हें खरीदने के लिए बहुत भटकना पड़ता है. इस तरह की पुस्तकें भी लाइब्रेरी में आसानी से मिल जाती हैं.
अगर आप भी किताब पढ़ने के शौकीन हैं या परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. आप भी डूंगरपुर शहर 4 किलोमीटर दूर गुरुकुल कॉलेज स्थित इस लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई सकते हैं. यहां पढ़ने के लिए आपको महीने के 700 रूपये देने होगे. ये लाइब्रेरी सुबह 9 बजे शाम 7 बजे तक खुली रहती है.
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Tags: Dungarpur news, Library
FIRST PUBLISHED : November 30, 2022, 19:10 IST