जोधपुर में हुआ बड़ा खुलासा, राजस्थान में बिकी कोरोना की नकली फेविपीरावीर टेबलेट्स । medicine to eliminate corona infection Favipiravir Tablets turned out to be fake– News18 Hindi

दरसअल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण को खत्म करने वाली फेविपीरावीर साल्ट की टेबलेट की अमान्य दवा बेच दी गईं. गुजरात में इस साल्ट की दवा की जांच में फेविपीरावीर साल्ट शून्य पाया गया. इसके बाद सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन ने सभी राज्यों को जून के दूसरे सप्ताह में अलर्ट जारी किया. तब जाकर राज्य औषधि नियंत्रण विभाग की नींद खुली. उसके बाद राज्य औषधि नियंत्रण विभाग पिछले सप्ताह ही हरकत में आया.
प्रदेश में बिकी लाखों नकली टेबलेट
पिछले सप्ताह जब राज्य औषधि नियंत्रण विभाग को होश आया तब सभी बड़े शहरों से फेविपीरावीर साल्ट की दवा के सेम्पल लिए गए. इसके साथ ही इस दवा का पूरा स्टॉक सीज कर दिया गया. अब जांच रिपोर्ट में फेविपीरावीर साल्ट साल्ट नकली पाया गया है. फेविपीरावीर साल्ट की नकली दवा की जांच में सामने आया कि इस टेबलेट निर्माता का पता हिमाचल प्रदेश के सोनल जिले के अंजी गांव बताया गया है. वहां मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर कंपनी नाम का अस्तित्व ही नहीं मिला. दवा की मार्केटिंग कोलकाता की फर्म कोवाकोल हेल्थकेयर के जरिए हुई थी.
कोरोना संक्रमित को पहले दिन में लेनी होती थी 18 टेबलेट
कोरोना संक्रमण खत्म करने के लिए पीड़ित को दी जाने वाली दवाओं में फेविपीरावीर भी शामिल थी. इलाज के दौरान पीड़ित को पहले दिन में फेविपीरावीर की 18 टेबलेट लेनी होती थी. इनमें 9 टेबलेट सुबह और 9 टेबलेट शाम को लेनी होती थी. उसके बाद प्रतिदिन इसकी संख्या में कमी होती जाती. इस टेबलेट की कीमत भी बहुत ज्यादा थी. फेविपीरावीर साल्ट का एक पैकेट 900 से 1300 रुपए तक बाजार में बिका है.