The growing conflict between man and wild animals | मनुष्य और जंगली जानवरों के बीच बढ़ रहा संघर्ष : तेंदुए व भालू आवासीय क्षेत्र में कर रहे प्रवेश

कर्नाटक में बल्लारी जिला होसपेट तालुक वन क्षेत्र के निकटवर्ती क्षेत्र में मनुष्य की गतिविधियां बढ़ती जा रही है। वन के सीमावर्ती, पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर खनन निरंतर चल रहा है। वन के सीमावर्ती क्षेत्र में धार्मिक संस्थान, प्रार्थना मंदिर की स्थापना अधिक हो रही है।
जयपुर
Published: February 18, 2022 05:30:10 pm
जयपुर. यदि मानव-पशु संघर्ष का कोई विशिष्ट कारण है, तो उसे सुलझाया और समाप्त किया जा सकता है। कई कारणों के चलते यह समस्या जटिल होती जा रही है। भविष्य में यह समस्या बढ़ भी सकती है। कर्नाटक में बल्लारी जिला होसपेट तालुक वन क्षेत्र के निकटवर्ती क्षेत्र में मनुष्य की गतिविधियां बढ़ती जा रही है। वन के सीमावर्ती, पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर खनन निरंतर चल रहा है। वन के सीमावर्ती क्षेत्र में धार्मिक संस्थान, प्रार्थना मंदिर की स्थापना अधिक हो रही है।
असुरक्षा बढ़ी : वाणिज्यिक गतिविधियों जैसे स्टे होम, रिसार्ट, होटल स्थापित किए जाने की वजह से वन क्षेत्र का दायरा कम होता जा रहा है। मनुष्यों की आवाजाही, यंत्रों के शोर के कारण वन्य जीवों के आवास पर खतरा मंडरा रहा है। वन्य प्राणी आसानी से घूम फिर नहीं सकते हैं। असुरक्षा बढ़ी है। बार-बार प्राणियों के आवास स्थान को बदलना पड़ रहा है।
जान हथेली पर लेकर जीना पड़ रहा है : तालुका के पापीनायकन हल्ली-कमलापुर, गंगावती -आनेगुंदी- सणापुर मार्ग पर मनुष्यों की गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होने की वजह से तेंदुए व भालू आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। लोगों को जान हथेली पर लेकर जीना पड़ रहा है। शाम ढलते ही घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
हरपनहल्ली तालुक में गर्मी में पानी, भोजन की तलाश में तेंदुए व भालू वन के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित गांवों में प्रवेश करते हैं। तालुका के नंदीबेवूर, बाविनहल्ली, वलतांडा, कणवी, हारकनालु, हलुवागलु, कणिविहल्ली, चिगटेरी, कुमारनहल्ली, तुंगभद्रा नदी किनारे, हगरी नहर के अंतर्गत तेंदुओं की आवाजाही अधिक हो रही है।
तेंदुए व भालुओं के हमले से किसान भयभीत
विश्वविख्यात हम्पी के निकटवर्ती क्षेत्र में तेंदुए व भालू रहते हैं परंतु इस क्षेत्र में मनुष्यों पर हमले करने संबंधित कोई उदाहरण नहीं मिले हैं। तालुका के नल्लापुर, चिन्नापुर के निकटवर्ती क्षेत्रों में मनुष्यों पर भालू हमला कभी-कभार करते हैं। कंपली के निकटवर्ती गांव, गुडेकोटे में तेंदुए व भालुओं के हमले से किसान भयभीत है। भालू मनुष्य पर हमला करने के साथ साथ फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं। हूविनहडगली, कोड्लिगी, हरपनहल्ली, हगरीबोम्मनहल्ली, के निकटवर्ती क्षेत्र में जंगली ***** खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।
पालतू जानवरों को बनाते हैं भोजन
वन के सीमावर्ती गांवों मे उपयुक्त त्याज्य का निपटान नहीं हो रहा है। पोल्ट्री फॉर्म का निर्माण किया जा रहा है। चरवाहे बड़ी मात्रा में भेड़ों को जंगल में चरा रहे हैं। जंगली पशु आवासीय क्षेत्र के प्रति आकर्षित होकर इन दिनों आवासीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। कभी कभार मनुष्यों पर हमले भी बोल देते हैं। कई बार पालतू जानवरों को अपना भोजन बनाते हैं।
भालुओं के हमले से किसान भयभीत
कूड्लिगी तालुका में भालू व तेंदुए के हमले से किसान कंगाल हो चुका है। दो साल पहले जंगली जानवरों के हमले से दो किसानों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा था। कई किसान स्थाई रूप से विकलांग हो चुके हैं। तालुका के गुडेकोटे भालू अभयारण्य के भालू पानी व भोजन के तलाश में गांव में आकर बागानों में घुस कर पान, पपीते, अनार सहित अन्य फसलों को बर्बाद कर देते हैं। बीते दो साल के भीतर कूड्लिगी क्षेत्र में 34 बागानों को तहस नहस कर चुके हैं। 17 जानवरों व दो इन्सानों पर हमला कर चुके हैं।
जागरूकता फैलाई जा रही है
&चरवाहे वन क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र को नष्ट कर रहे हैं यही वजह से जंगली जानवरों को मजबूरन जंगल छोड़कर गांव की बस्ती में आना पड़ रहा है। इसके समाधान के लिए वन की सीमा वर्ती क्षेत्र में वन विभाग की ओर से वन की सीमावर्ती क्षेत्रों में गड्ढे खोदे गए हैं। इसस वन्य प्राणियों को सुविधा हुई है। किसानों में जागरूकता फैलाई जा रही है। डी. भरत, वन अधिकारी

मनुष्य और जंगली जानवरों के बीच बढ़ रहा संघर्ष : तेंदुए व भालू आवासीय क्षेत्र में कर रहे प्रवेश
अगली खबर