तीसरी वर्षगांठः गहलोत सरकार से नाखुश कर्मचारी, लंबित मांगों का जल्द से जल्द चाहते हैं निस्तारण | State employees are not happy with Gehlot government’s policies

सांवत कमेटी सहित 15 मांगों पर आमने- सामने राज्य कर्मचारी
जयपुर
Updated: December 17, 2021 10:45:29 am
जयपुर। एक ओर जहां राज्य की गहलोत सरकार के कार्यकाल के 3 साल पूरे हो गए हैं तो वहीं सरकार के कामकाज का जिम्मा संभालने और योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने वाले राज्य कर्मचारी ही गहलोत सरकार की नीति और कार्यकाल से खुश नहीं हैं। सरकार की ओर से कई बार राज्य कर्मचारियों को हितों को ध्यान में रखते हुए घोषणा भी की गई हैं लेकिन राज्य कर्मचारी अपनी लंबित मांगों का जल्द से जल्द निस्तारण करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

Secretariat,Secretariat
अपनी मांगों की उपेक्षा होने पर राज्य कर्मचारियों की नाराजगी भी कई बार बाहर आ चुकी है और राज्य कर्मचारियों को धरने प्रदर्शनों का भी सहारा लेना पड़ा है। हालांकि सरकार की ओर से राज्य कर्मचारियों को आश्वासन भी दिया गया कि उनकी मांगों का जल्द निस्तारण होगा।
केंद्र के समान वेतन भत्ते फिर भी नाराजगी
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां अपने पहले कार्यकाल में कर्मचारियों के प्रति सख्त नजर आए तो दूसरे और तीसरे कार्यकाल में उन्होंने राज्य कर्मचारियों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखा। तथा केंद्र के समान समय- समय पर वेतन भत्ते बढ़ाएं, कर्मचारियों के हितों के लिए कई घोषणा भी की और उनकी मांगों के समाधान के लिए सांवत कमेटी भी गठित की, लेकिन बावजूद इसके राज्य कर्मचारी सरकार की नीतियों से नाराज बताए जाते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि अपनी मांगों को लेकर जब जब भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते हैं तो सरकार की ओर से आंदोलनकारी कर्मचारियों से कोई वार्ता नहीं किया जाती जिससे कर्मचारियों में ज्यादा रोष है।
15 प्रमुख मांगों पर अड़े हैं कर्मचारी
सरकार के 3 साल पूरे होने के बाद अब राज्य कर्मचारी 15 प्रमुख मांगों पर अड़े हुए हैं, जिसे लेकर आने वाले दिनों में अगर मांगों का समाधान नहीं होता है तो फिर कर्मचारी सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल भी फूंक सकते हैं।
यह है प्रमुख मांगे
– सांवत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने
-बोर्ड- निगम और स्वायत्तशासी संस्थाओं, पंचायती राज संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को पूर्व की भांति राज्य कर्मचारियों के अनुरूप सातवें वेतन का लाभ देने
-ग्रामीण क्षेत्र के कार्मिकों को मूल वेतन का 10 फीसदी ग्रामीण भत्ता स्वीकृत करने
– बोर्ड निगम और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिकों को सेवाकाल में पांच पदोन्नति के अवसर देने
-राज्य के विभिन्न भागों में समस्त संवर्गों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने
-मंत्रालय कर्मचारियों को शासन सचिवालय, लोक सेवा आयोग और विधानसभा में कार्य मंत्रालय कर्मचारियों के अनुरूप वेतन भत्ते पदोन्नति और अन्य सुविधाएं प्रदान करने
-कोरोना महामारी से मरे राज्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करते 50 लाख की राशि स्वीकृत करने
-आश्रित अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में आवेदक को शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप पदों पर नियुक्ति देने और प्रशिक्षण और आयु में छूट प्रदान करने
-वित्त विभाग के आदेश दिनांक 5 अक्टूबर 2018 में सामूहिक अवकाश को नो वर्क नो पे श्रेणी में माना गया है जो कर्मचारियों के आंदोलन के अधिकार का हनन है, इसको निरस्त किया जाए
-सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निजीकरण और पीपीपी मॉडल आधारित व्यवस्थाओं को समाप्त किया जाए
-पुलिस सेवा के कार्मिकों और आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देना सुनिश्चित किया जाए
-बैंक बीमा स्थानांतरण नीति के अनुरूप राज्य कर्मचारियों के लिए पारदर्शी एवं स्पष्ट स्थानांतरण नीति लागू की जाए, स्थानांतरण में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाए
-राजस्थान में संगठित- असंगठित क्षेत्र मैन विद मशीन, कार्मिक और मजदूरों का न्यूनतम पारिश्रमिक 26000 रुपए प्रतिमाह किया जाए
अगली खबर