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दातों और मसूड़ों को रखना है स्वस्थ्य, तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, कभी नहीं होंगे खराब, एक्सपर्ट से जानें उपाय

कमल पिमोली/ श्रीनगर गढ़वाल.बदलते समय के साथ अब मुंह की बीमारी आम हो गई है. दांतों का कमजोर होना, कीड़े लगना समेत मसूड़ों की बीमारी अन्य बीमारियों को भी न्योता दे रही है. ऐसे में दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है. अगर सही तरह से देखभाल और सावधानी बरती गई, तो जीवनभर के लिए दांत सुरक्षित रखे जा सकते हैं. अगर आप स्वस्थ दांत और मसूड़े चाहते हैं, तो कम उम्र से ही अच्छी मौखिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें. स्वच्छ व स्वस्थ दांत और मसूड़े अच्छे मौखिक स्वास्थ्य का प्रतीक हैं, जिसका मतलब साफ है कि कोई दांत दर्द या परेशानी नहीं होगी और दंत चिकित्सक पर कम खर्च होगा. एक अध्ययन के अनुसार मुंह की बीमारी अन्य बीमारियों का भी कारक बनती है.

ये आयुर्वेदिक विधि रखेगी मसूड़े मजूबत

उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित डेंटिस्ट डॉ केके गुप्ता बताते हैं कि खाने के साथ मीठा खाया जा सकता है, लेकिन खाना खाने के बाद हमेशा कुल्ला करना जरूरी है. दांत और मसूड़ों को मजबूत रखने के लिए घर में ही घरेलू उपाय किया जा सकता है. इसके लिए सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक का प्रयोग कर हल्दी व नींबू का रस मिलाकर इसका एक मुलायम सा पेस्ट तैयार कर इसे दांतों और मसूड़ों पर अच्छी तरह से लगाएं. उन्होंने कहा कि इस आयुर्वेदिक विधि से दांतों और मसूड़ों को ठीक रखा जा सकता है. नमक रिवर्स ऑस्मोसिस करता है, साथ ही नींबू से विटामिन सी और हल्दी एंटीसेप्टिक का काम करती है.

डॉ केके गुप्ता बताते हैं कि दांतों को साफ करने का भी तरीका होता है. अगर हम गलत तरीके से ब्रश करते हैं, तो इससे हमारे दांतों व मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है. इससे दांतों के बीच दरारें आना, कैविटी का होना, खाना जमना जैसी दिक्कतें सामने आती हैं. ऐसे में सर्कुलर मोशन में ब्रश करना सही है. इसके साथ टो एंड फ्लो मूव और नाइट ब्रशिंग मूव बेहद जरूरी है.

इन चीजों से बनाए दूरी

डॉ गुप्ता ने कहा कि टॉफी, चॉकलेट, कार्बोनेटेड वॉटर, जंक फूड को जितना हो सके नजरअंदाज करें, क्योंकि ये दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं. मीठा खा सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि चिपकने वाला मीठा न खाएं, जो मुंह में घुल जाए इस तरह का मीठा ज्यादा बेहतर है. जब हमारे दांत में दर्द होता है, तब हम डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इसलिए बचाव बेहद जरूरी है, जो शुरुआती समय से ही करना चाहिए.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

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