नई मुसीबत! इंसानी मांस खाने वाला विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया कैसे करता है संक्रमित, कैसे करें बचाव
Deadly Bacteria: पूरी दुनिया बड़ी मुश्किल से बड़े नुकसान के बाद कोरोना महामारी की मार से उबर पाई है. इसी बीच विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया नाम की एक नई मुसीबत ने सिर उठाना शुरू कर दिया है. हालांकि, अभी इसके ज्यादा मामले सामने तो नहीं आए हैं, लेकिन अमेरिका में इस खतरनाक बैक्टीरिया को लेकर चेतावनी जारी कर दी है. दरअसल, ये बैक्टीरिया संक्रमित व्यक्ति का मांस खाना शुरू कर देता है. अब तक इससे संक्रमित तीन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई नए मामले सामने आए हैं. जानते हैं कि विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया कैसे फैलकर नुकसान पहुंचाता है?
स्वास्थ्य विशषज्ञों के मुताबिक, विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति को बिना देरी किए तुरंत इलाज की दरकार होती है. ये बैक्टीरिया बहुत तेजी से शरीर के अंगों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाता है. अब तक अमेरिका के न्यूयॉर्क और कनेक्टिकट में इस बैक्टीरिया से संक्रमित रोगी सामने आए हैं. डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक में डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस क्रिस्टोफर बॉयल के मुताबिक, ये लोग स्विमिंग पूल में नहाने के बाद विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमित हुए थे. तीन में से एक व्यक्ति सी-फूड खाने के कारण संक्रमित हुआ और उसकी मौत हो गई. इन सभी मृतकों की उम्र 60 से 80 साल के बीच थी.
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कैसे फैलता है इस बैक्टीरिया से संक्रमण
विशेषज्ञ इस बैक्टीरिया के पनपने की शुरुआती की जगह ढूंढने के लिए जांच कर रहे हैं. लैटिन भाषा में विब्रियो का मतलब बाइब्रेट करना होता है. वहीं, वल्निफाइकस का मतलब घाव करने से है. अगर आप आधा पका हुआ खाना खाते हैं तो विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं. वहीं, अगर आपके शरीर में कहीं खुला जख्म है और स्वीमिंग पूल में जाते हैं तो इस बैक्टीरिया की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है. जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया का संक्रमण दूषित खानपान और खुले जख्म के जरिये होता है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके सबसे ज्यादा मामले मई से अक्टूबर के बीच सामने आते हैं.
विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया खुले घाव के कारण तेजी से फैलता है. इसलिए इसे मांस खाने वाला बैक्टीरिया भी कहा जाता है.
क्या हैं इसके संक्रमण के सामान्य लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया के संक्रमण को काफी खतरनाक मानते हैं. दरअल, इसका संक्रमण नजर आते ही मरीज को इलाज की जरूरत पड़ती है. इसके संक्रमण के कारण हर पांच में एक मरीज की मौत हो जाती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया खुले घाव के कारण तेजी से फैलता है. इसलिए इसे मांस खाने वाला बैक्टीरिया भी कहा जाता है. अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सीडीसी के मुताबिक, विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमित व्यक्ति को डायरिया, उल्टी, बुखार और कंपकंपी जैसे लक्षण दिखते हैं. संक्रमण के 24 घंटे बाद से ही लक्षण नजर आने लगते हैं. इसका संक्रमण तीन दिन तक परेशान करता है.
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कैसे होती है जांच, क्या है इसका इलाज
विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमित कई मरीजों में रोगप्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है. संक्रमण होने पर ब्लड टेस्ट के जरिये विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया का पता लगाया जाता है. इसके अलावा मरीज के जख्म या स्टूल सैंपल के जरिये भी संक्रमण का पता लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. ज्यादातर डॉक्टर्स इलाज के लिए मरीज को एंटीबायोटिक्स देते हैं. पहले भी विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. अब से पहले 2020, 2021 और 2022 में कुछ मरीज सामने आए थे.
विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया से संक्रमित कई मरीजों में रोगप्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो जाती है.
बैक्टीरिया के संक्रमण से करें बचाव
अमेरिका के न्यूयॉर्क में जारी चेतावनी के मुताबिक, विब्रियो वल्निफाइकस बैक्टीरिया के संक्रमण के मामलों की जांच की जा रही है. लोगों को चंतावनी दी गई है कि संक्रमण से बचने के लिए हर जरूरी सावधानी बरतें. चेतावनी में कहा गया है कि अगर किसी को खुला जख्म है तो स्वीमिंग पूल और समुद्र में नहाने या खुले पानी के संपर्क में आने से परहेज करें. भोजन खूब पकाकर खाएं. कच्चा या अधपका सी फूड बिलकुल ना खाएं. इनसे संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. इसके सबसे ज्यादा मामले गर्मियों में तापमान बढ़ने पर सामने आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 18, 2023, 20:44 IST