नमकीन ने दी शोहरत, अब घीदार मावा बनाकर मशहूर हो रहा राजस्थान का ये शहर, स्पेशल दूध से बनता है ये खोया

रिपोर्ट – निखिल स्वामी
बीकानेर. राजस्थान का बीकानेर खान-पान के मामले में, खासकर नमकीन और मिठाइयों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां की मिठाई के दीवाने पूरी दुनिया में हैं. मिठाई बनाने में कई चीजों का इस्तेमाल होता है, जिनमें सबसे अधिक इस्तेमाल मावा का होता है. बीकानेर में यह मावा विशेष तौर पर तैयार किया जाता है, जो घीदार होता है. अपनी इस खूबी की वजह से घीदार मावे की डिमांड देशभर में है. बीकानेर से रोजाना हजारों क्विंटल मावा तैयार होकर बाहर के राज्यों में जाता है. इस मावे से मिठाई भी बहुत ज्यादा अच्छी बनती है. बीकानेर के पुरानी गजनेर रोड पर मावा की कई दुकानें हैं, जहां रोजाना मावा आता है. आप इसे सबसे बड़ी मावा-मंडी भी कह सकते हैं. यह मावा बीकानेर के आस-पास के गांवों से तैयार होकर शहर में आता है.
मावा-मंडी के दुकानदार सांवरमल ने बताया कि यह मावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश सहित राजस्थान के कई शहरों में जाता है. वे यह मावा बाजार में 240 रुपए किलो बेचते हैं. उन्होंने बताया कि जो मावा हाथ पर नहीं लगता है, उसे ही घीदार माना जाता है. रोजाना 200 से 300 किलो मावा की खपत होती है. इस मावे से कई चीजें तैयार होती हैं.
राठी नस्ल की गाय के दूध से तैयार होता है मावा
बीकानेर में राठी नस्ल की गाय के दूध से यह मावा तैयार होता है. इस नस्ल की गायें खूब दूध देती हैं. बीकानेर के आसपास के गांवों में ज्यादातर लोग राठी नस्ल की गाय पालते हैं, जिसके दूध से यह स्पेशल मावा तैयार किया जाता है. इस मावे का स्वाद दूसरे मावा से काफी अलग होता है. यह घीदार होने के साथ-साथ हल्का मीठा भी होता है. इसलिए मावे की डिमांड प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के हर कोने में है. दुकानदार सांवरमल बताते है कि मावा बनाने में ताजा दूध का उपयोग होता है. एक क्विंटल दूध से लगभग एक घंटे में मावा तैयार होता है. इससे 20 किलो मावा तैयार होता है.
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FIRST PUBLISHED : February 5, 2024, 17:02 IST