नियमों में उलझी रेल, उलझन में यात्री
देवेंद्र सिंह राठौड़
जयपुर. अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में घूमने का प्लान बना रहे है और ट्रेन से सफर करने वाले हैं तो सावधान। क्योंकि रेलवे खुद नियमों में उलझा है। जिससे यात्रियों में असमंजस की स्थिति हो रही है। उनपर अतिरिक्त किराए का भी भार पड़ रहा है। मामला यह है कि कोरोना संक्रमण काबू में आते ही रेलवे बोर्ड ने मार्च माह के पहले सप्ताह में ट्रेनोंं में तत्काल प्रभाव से जनरल टिकट शुरू करने फरमान जारी कर दिया। इसका जिम्मा जोनल रेलवे को दिया गया कि वे खुद अपने स्तर पर ट्रेनों में इस सौगात को फिर से लागू कर सके। यह देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने मार्च के दूसरे सप्ताह तक कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़कर जनरल टिकट पर यात्रा की सौगात दे दी लेकिन दूसरे जोन में अभी तक ऐसा न होने से यात्रियों को दिक्कत हो रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर रेलवे, पश्चिम रेलवे, पश्चिम-मध्य रेलवे व एनसीआर से आने वाली ट्रेनों में यह परेशानी हो रही है। यह अनारक्षित न होने से अभी तक इनमें यात्रियों को मजूबरन कंफर्म टिकट पर या त्रा करनी पड़ रही है।बैठने की सीट लेने के लिए भी उन्हें रिजर्वेशन कराना पड़ रहा है। ऐसे में अतिरिक्त लग रहे किराए से उनकी जेब पर भार पड़ रहा है। दूसरी ओर रेलवे ने अभी तक बुजुर्ग नागरिकों व महिला समेत कई श्रेणियों में देने वाली रियायतें भी शुरू नहीं की है।
वेटिंग फुल, भुगत रहे चार्ज
इन दिनों ट्रेनों में वेटिंग फुल चल रही है। सामने आया कि कई ट्रेनों में लंबी वेटिंग यानी रिमोट पोजिशन(रिग्रेट) होने पर भी रेलवे रिजर्वेशन टिकट बुक कर रहा है। आश्चर्य है कि इसमें टिकट के कंफर्म होने के चांस नाममात्र ही होते है। इस स्थिति में टिकट कैंसिल कराने में यात्रियों को कैंसिलेशन चार्ज का भार भी झेलना पड़ रहा है।