नि:संतान दंपत्ति की संतान सुख सुविधा पर ताला, नवजात अवस्था में ही बंद हो गए सेंटर | Childless couple’s child comfort facilities locked

निजी सहभागी की मनमानी, बंद कर दिया सेंटर
बीकानेर जिला अस्पताल में चार वर्ष पहले आईवीएफ सेंटर खोलने की स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद शहर के एक निजी प्रसूति गृह ने सात वर्ष पहले एमओयू कर यह सेंटर खोल दिया। लेकिन आज स्थिति यह है कि इस सेंटर पर ताला लटक रहा है। ऐसे में नि:संतान दंपत्तियों को बड़ी राशि देकर निजी केन्द्रों पर जाना पड रहा है। कोविडकाल से पहले यह सेंटर खुला हुआ था और सात दंपत्तियों को यहां आईवीएफ की सुविधा भी मिली। लेकिन कोविड में संबंधित फर्म ने इसे पूर्ण रूप से बंद कर दिया। आइवीएफ सेंटर खोलने के लिए सरकार ने पीपीपी मोड जगह उपलब्ध कराई थी। जबकि चिकित्सक सहित अन्य स्टाफ और जांच में काम आने वाले उपकरण फर्म ने स्थापित किए थे। इस सेंटर में करीब 60 हजार के खर्च में आईवीएफ की सुविधा उपलब्ध थी, जबकि निजी क्षेत्रों में डेढ़ से ढाई लाख रुप्रए तक खर्च होते हैं।
वापस शुरू करने का प्रयास करेंगे
यहां एक चिकित्सक सहित सात जनों का स्टाफ कार्यरत था। जिसे 2020 में बंद कर दिया गया। अब अप्रेल से वापस शुरू करने का प्रयास किया जाएगा। सरकार की तरफ से कोई सहयोग भी नहीं मिला।
डॉ. विक्रमसिंह तंवर, संचालक आइवीएफ सेंटर, जिला अस्पताल, बीकानेर
फाइलें देखकर कार्रवाई की जाएगी
आइवीएफ सेंटर से संबंधित फाइलों को देखकर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। मैंने तो गत सप्ताह ही अस्पताल के अधीक्षक का कार्य भार संभाला है। फाइलों का अध्ययनकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सुनील हर्ष, अधीक्षक जिला अस्पताल
——— बजट घोषणा के बाद निदेशक जनस्वास्थ्य के साइन से आदेश जारी होना अलग बात है, लेकिन अब आईवीएफ सेंटर की मॉनिटरिंग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से होती है। डॉ. रविप्रकाश माथुर, निदेशक, जनस्वास्थ्य