नौकरी की आश में पहुंचे थे रूस, एयरपोर्ट पर छीना गया पासपोर्ट, कॉम्बैट ट्रेनिंग देकर भेजा यूक्रेन बार्डर, और फिर…

Conspiracy Against India: रूस में बैठे साजिशकर्ता मोहम्मद मोइनुद्दीन और संतोष कुमार के इशारे पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, केरल, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर सहित अन्य कई राज्यों के सैकड़ों नौजवानों से लाखों रुपए लेकर जॉब का ऑफर लेटर थमा दिया गया था. यह ऑफर लेटर नौजवानों को रूस में बेहतर जिंदगी का सब्जबाग दिखाकर सिक्योरिटी गार्ड, हेल्पर और रूसी सेना से जुड़ी नौकरियों के लिए दिए गए थे.
रूस में लाखों रुपए पाने वाला हर शख्स, अपनी बेहतर भविष्य को लेकर बेहद खुश था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह भारत के नौजवानों के खिलाफ रची गई गहरी साजिश का शिकार हो चुके हैं. बीते दिनों, इसी साजिश का खामियाजा हैदराबाद के मोहम्मद असफान और सूरत के हेमल अश्विनभाई मंगुकिया को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा. दरअसल, बेहतर भविष्य की आस में रूस गए असफान और हेमल को रूस की सेना ने यूक्रेन युद्ध में उतार दिया था. इसी बीच, एक हमले में दोनों की जा चली गई थी.
इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने इस तरह के सभी मामलों की पड़ताल शुरू की है. एक जांच एजेंसी ने अपनी एफआईआर में इस बात का उल्लेख किया गया है कि रूस में बैठी क्रिस्टीना, मोहम्मद मोइनुद्दीन और संतोष कुमार के इशारे पर डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रैवल एजेंसियों और एजेंट्स ने भारत के 12 से अधिक राज्यों के सैकड़ों नौजवानों को लाखों की नौकरी का सब्जबाग दिखाकर मोटी रकम वसूली और उन्हें वीजा दिलाकर मानव तस्करों की देखरेख में रूस के लिए रवाना कर दिया.

यह भी पढ़ें: रूस से भारत में बिछाया गहरी साजिश का जाल, 5 कंपनियां की मदद से फंसाए सैकड़ों नौजवान, फिर शुरू हुआ बर्बादी का असली सफर – रशियन एजेंसियां साजिश के तहत विभिन्न एजेंट्स के माध्यम से भारतीयों नौजवानों को अपने जाल में फंसाया रही हैं. इन नौजवानों को बेहतर जिंदग का सब्जबाग दिखाकर रूस भेजा जा रहा है. यही से शुरू होता है इन नौजवानों की बर्बादी का वह सफर, जो यूक्रेन-रशिया युद्ध पर आकर खत्म होता है. रूसी एजेंसियों की पूरी साजिश को जानने के लिए क्लिक करें.
एयरपोर्ट पर कदम रखते ही छीने गए पासपोर्ट
जांच एजेंसी के अनुसार, रूस पहुंचते ही एजेंट्स ने इन नौजवानों का पासपोर्ट इनसे छीन लिया गया. इसके बाद, इन नौजवानों को सेना से जुड़े प्रशिक्षण केंद्रो में ले जाया गया, जहां इन्हें युद्ध से जुड़ी कॉम्बैट ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी भारतीय नौजवानों को रूसी सेना की वर्दी और बैच उपलब्ध कराए गए. इसके बाद, इन भारतीय नौजवानों को इनकी इच्छा के विपरीत रशिया-यूक्रेन वॉर जोन के फ्रंट बेस पर तैनात कर दिया गया, जहां इनकी जिंदगी पर हर वक्त मौत का खतरा लगातार मंडरा रहा है.

यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में करता था मजदूरी, भारत आते ही पलटी किस्मत, UAE में तकदीर ने खेला ऐसा खेल कि… बांग्लादेश से घुसपैठकर भारत आया देवाषीश अब अबूधाबी में अपने सपनों को सच करने में लगा हुआ था. वह अपने सपनों के बेहद करीब पहुंचता, इससे पहले उसे भारत वापस आना पड़ा. आईजीआई एयरपोर्ट पर देवाशीष के मुंह से अचानक एक शब्द निकल गया, जिसने बीते चार सालों के हर राज को पल भर में सामने लाकर रख दिया. इसके आगे क्या हुआ, जानने के लिए क्लिक करें.
यूक्रेन के हमले में घायल हुए कई भारतीय
जांच एजेंसी के अनुसार, मानव तस्करी के जरिए रूस भेजे गए कई भारतीय नौजवान यूक्रेन के हमले में गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं. वहीं, हैदराबाद के मोहम्मद असफान और सूरत के हेमल अश्विनभाई मंगुकिया को यूक्रेन के मिसाइल हमले में अपनी जान तक गंवानी पड़ी. वहीं, भारत की प्रमुख जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इन मामलों के सामने आने के बाद शोषण के उद्देश्य से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी के तहत आईपीसी की धारा 120-बी, 420 और 370 के तहत एफआईआर दर्ज की है.
.
Tags: CBI, Human trafficking, Russia ukraine war
FIRST PUBLISHED : March 28, 2024, 15:13 IST