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न्यूज18 के पत्रकार अमन चोपड़ा को मिला सोशल मीडिया का साथ, ट्रेंड हुआ #IStandWithAmanChopra

नई दिल्ली. न्यूज18 के पत्रकार अमन चोपड़ा को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिलने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई. हालांकि, इसके बावजूद राजस्थान पुलिस चोपड़ा के नोएडा स्थित उनके आवास पर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, जहां से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. राजस्थान उच्च न्यायालय ने शनिवार को आदेश दिया कि न्यूज18 के पत्रकार अमन चोपड़ा के खिलाफ अलवर में मंदिरों के विध्वंस पर उनके शो के मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.

एक तरफ जहां उच्च न्यायालय ने अपने आदेश से अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, तो वहीं माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी उनके समर्थन में  #IStandWithAmanChopra ट्रेंड करने लगा.

पत्रकार अभिजीत मजूमदार ने लिखा, “जहां वामपंथी-जिहादी दल प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में छतों से नारे लगाते हैं, वहीं उनकी मित्र सरकारें पत्रकारों को सताती रहती हैं. उद्धव के बाद अशोक गहलोत ने 10 पुलिसकर्मियों को पत्रकार अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने के लिए नोएडा स्थित उनके आवास पर भेजा है. वो भी तब, जबकि  राजस्थान उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पत्रकार के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.” #IStandWithAmanChopra

उन्होंने आगे लिखा, “राजस्थान पुलिस अमन चोपड़ा के 19वीं मंजिल पर स्थित अपार्टमेंट में गई. जब उन्होंने पाया कि वह वहां नहीं हैं, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से दरवाजा तोड़ने पर विचार किया. आरडब्ल्यूए के लोगों ने उन्हें ऐसा करने मना किया. राजस्थान सरकार के लिए एक आरोपित पत्रकार आतंकवादी है?”

एक अन्य पत्रकार नुपुर जे. शर्मा ने लिखा, “मेरे सूत्र ने मुझे बताया है कि कम से कम 10 राजस्थान पुलिस अधिकारी अमन चोपड़ा के आवास के बाहर खड़े हैं. राजस्थान पुलिस के 10 अधिकारियों के साथ, यूपी पुलिस भी मौके पर मौजूद है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अवैध कार्रवाई न हो. यह एक पत्रकार को राज्य के अधिकारियों द्वारा धमकाने की कोशिश का एक स्पष्ट मामला प्रतीत होता है. मजबूत बने रहें अमन चोपड़ा.”

फिल्म निर्माता अशोक पंडिट ने लिखा, “क्या #उदारवादी, #लुटियन्समीडिया, इंडिया एडिटर्स गिल्ड, #द प्रेस क्लब पत्रकार अमन चोपड़ा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और एक पत्रकार के अपने मन की बात कहने के अधिकार के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए राजस्थान सरकार की निंदा करते हैं.” #istandwithamanchopra

पत्रकार शुभांगी शर्मा ने लिखा, “राजस्थान हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद, राजस्थान पुलिस अमन चोपड़ा के आवास पर कथित तौर पर स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तारी वारंट के साथ प्रतिशोध के साथ दिखाई दी. ये घिनौनी डराने वाली रणनीति है.” #IStandWithAmanChopra

दरअसल, न्यूज18 के पत्रकार अमन चोपड़ा ने अलवर में मंदिर को ध्वस्त करने को लेकर एक शो किया था और सारा विवाद इसी को लेकर है.

Tags: Journalist, Rajasthan high court

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