धरियावद कांड में आदिवासी महिला को मिला न्याय, तत्कालीन एसपी ने किए चौंकाने वाले खुलासे, जानें डिटेल

जयपुर. प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में लगभग 10 महीने पहले एक गर्भवती आदिवासी महिला को अपहरण करने के बाद टॉर्चर करते हुए निर्वस्त्र कर गांव में घूमाने के प्रकरण में जज रामकन्या सोनी ने सभी 17 दोषियों को 7-7 साल की सजा का फैसला सुनाया. इसमें पीड़िता महिला के पति सहित 14 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना के वीडियो के बाद देशभर में महिला पर अत्याचार करने वाले दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सजा दिलाने की मांग उठी थी. ऐसे में प्रतापगढ़ जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बुढानिया और उनके साथ स्पेशल 150 पुलिसकर्मियों की टीम ने महज कुछ घंटों के भीतर सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर पति सहित 17 आरोपियों को पकड़ा और महज 10 महीने में ट्रायल पूरा कर सजा दिलवाई.
न्यूज 18 से खास बातचीत में अब जयपुर कमिश्नरेट में डीसीपी वेस्ट अमित बुढानिया ने बताया कि सभी 17 दोषियों को कोर्ट से केस में सजा दिलाई गई. उन्होंने बताया कि एक अनजान व्यक्ति ने मुझे वीडियो भेजा था. धरियावद की पहाड़ पंचायत समिति में गर्भवती महिला को निर्वस्त्र घुमाने का प्रकरण हुआ. जिसका वीडियो बनाया गया था. 1 सितंबर को एक अनजान युवक ने एसपी अमित कुमार को वीडियो भेजकर सूचना दी. इसके बाद धरियावद थाना क्षेत्र में पदस्थापित रह चुके पूर्व पुलिसकर्मियों को तुरंत थाने पर पहुंचने के निर्देश दिए गए. जिसमें 156 पूर्व पुलिसकर्मियों व अफसरों की 30 टीमें गठित की गई थी. जिन्होंने महज कुछ घंटों में 11 आरोपियों को पकड़ लिया.
जंगल में ऑपरेशन चलाकर पकड़े 11 आरोपीतत्कालीन एसपी प्रतापगढ़ अमित कुमार ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि इस पूरे घटनाक्रम में हमारे काफी कुछ चुनौतियां थी. पूरा इलाका जंगल का था. वहां बिजली तक नहीं थी. वहां कोई नेटवर्क कनेक्शन नहीं था. वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को रोकना भी हमारे लिए बड़ी चुनौती था. एक तरफ पुलिस टीम ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को हटवाने का काम किया. वहीं, दूसरी टीमों ने जंगल के इलाकों में ऑपरेशन चलाकर अगले ही दिन 11 आरोपियों को पकड़ लिया.
पत्नी को सबक सिखाने के लिए पति ने करवाया था कांडआरोपियों के पकड़े जाने पर घटना का खुलासा हुआ कि पति ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर पीहर में ठहरी पत्नी का अपहरण करवाया. उसे अगवा कर ले जाने के बाद निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया. यह भी सामने आया कि शादी के बाद भी महिला अपने पति के साथ नहीं रह रही थी. ऐसे में पत्नी को सबक सिखाने के लिहाज से ऐसा किया गया. इस प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में रखा गया. मामले को धरियावद कोर्ट से प्रतापगढ़ कोर्ट में शिफ्ट करवाया गया. रोजाना कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें हाईकोर्ट से आरोपियों की जमानत निरस्त करवाई.
देश भर से आई थी तीखी प्रतिक्रिया, पीड़िता के लिए लोगों ने मांगा था न्यायससुराल पक्ष होने से पीड़िता पर दबाव था. स्पेशल पीपी मनीष नागर ने अच्छी भूमिका निभाई. इससे ट्रायल पूरा हुआ और आरोपियों को जल्द ही सजा मिली. अमित कुमार बुढानिया ने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि आदिवासी बहुल इलाके में जिस तरह का यह जघन्य अपराध घटित हुआ. वह ना सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि पूरे देश में सोशल मीडिया में वायरल हुआ. ऐसे में पीड़िता महिला को न्याय दिलवाकर दोषियों को जल्द सजा दिलाई जाए. ताकि आमजन में पुलिस और न्याय के प्रति विश्वास पैदा हो. हमने वही किया.
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FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 19:28 IST