1121 साल पुराना पाली का सोमनाथ महादेव मंदिर, 221 वर्षों से जल रही अखंड ज्योत का क्या है चमत्कारिक इतिहास?

Agency: Rajasthan
Last Updated:February 25, 2025, 18:30 IST
गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली में एक महादेव जी का मंदिर है, जो आज से 1121 वर्ष पुराना है. लोग इसको चमत्कारी मंदिर भी मानते हैं और यहां पर खास बात यह है कि एक ज्योत पिछले 221 वर्षों से देशी घी से जल रही …और पढ़ेंX
सोमनाथ महादेव मंदिर
हाइलाइट्स
पाली का सोमनाथ महादेव मंदिर 1121 वर्ष पुराना है.मंदिर में 221 वर्षों से अखंड ज्योत जल रही है.महाशिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
पाली:- महाशिवरात्रि का पर्व आने के साथ ही राजस्थान भर में ऐतिहासिक शिव मंदिरो में बडी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. एक ऐसे ही ऐतिहासिक शिव मंदिर, जिसको आज देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बैठे लोग भी जानते हैं, जिसका नाम सोमनाथ महादेव मंदिर है. इसका सीधा संबंध गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है. इतिहासकारों की मानें, तो गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली का यह महादेव जी का मंदिर है, जो आज से 1121 वर्ष पुराना है. लोग इसको चमत्कारी मंदिर भी मानते हैं और यहां पर खास बात यह है कि एक ज्योत पिछले 221 वर्षों से देशी घी से जल रही है और आज भी अखंड रूप से उस ज्योति की किरणें पूरे पाली शहर की रक्षा करने का काम करती हैं.
गुजरात के सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है मंदिर का संबंधपुजारी सुनिल ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि इस मंदिर का सीधा संबंध गुजरात में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से है. मंदिर के अद्भुत स्थापत्य के आधार पर इतिहासकारों और पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना है कि इसका निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया. अतीत में इसका नाम सोमेश्वर था. गुजरात में स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर के बारे में तो हममें से ज्यादातर लोग जानते हैं. महमूद गजनवी के 17 आक्रमण झेल चुके इस मंदिर की कहानी लंबी है. गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह ही पाली में भी महादेव जी का एक मंदिर है, जो आज से 1121 वर्ष पुराना है.
यह मंदिर चमत्कारी है, जहां हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस मंदिर पर भी कई विदेशी शासकों के आक्रमण हुए हैं. मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया, जो आज भी दिखाई देता है. लेकिन उसके बाद भी यह मंदिर अपने वैभव के साथ खड़ा है. महाशिवरात्रि पर यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगती है.
सौराष्ट्र सोमनाथ मंदिर का यह है सीधा कनेक्शनइस मंदिर से जुडी एक रोचक कहानी यह भी है कि गुजरात जा रहे महमूद गजनवी ने रास्ते में वैभव सम्पन्न पाली को लूटते हुए सोमेश्वर (सोमनाथ) मंदिर में तोड़-फोड़ की. मूर्तियां और शिवलिंग भी खंडित कर आगे गुजरात की तरफ बढ़ गया. यह जानकारी पाकर सौराष्ट्र सोमनाथ मंदिर पर महमूद गजनवी के हमले की आशंका को देखते हुए गुजरात के राजा कुमारपाल रथ में शिवलिंग लेकर पाली पहुंचे और यहां के पल्लीवाल ब्राह्मणों को सौंप दिया. तब वो शिवलिंग भी यहां स्थापित किया गया.
इस तरह जीर्णोद्वार के बाद सौराष्ट्र से लाए शिवलिंग किया स्थापितपाली के ध्वस्त सोमेश्वर महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार कुमारपाल ने साल 1140 में शुरू करवाया था. यह कहा जाता है कि उस समय रात-दिन निर्माण कार्य चला. सैनिकों ने तेल की घाणी कर मशालें जलाईं और काम पूरा करवाया. यही सैनिक आगे चलकर घांची कहलाएं, जो आज भी सोमनाथ महादेव को अपना इष्ट देव मानते हैं. साल 1152 में सौराष्ट्र से लाया गया शिवलिंग इस मंदिर में वैशाख शुक्ल 4, संवत 1209 को प्रतिष्ठित किया और इसका नाम भी सोमनाथ महादेव रखा गया. आज भी इस मंदिर में अखंड ज्योत जल रही है.
First Published :
February 25, 2025, 18:30 IST
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1121 साल पुराना पाली का सोमनाथ महादेव मंदिर, क्या है चमत्कारिक इतिहास?
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