कपास और मूंगफली में लग रहे हैं गुलाबी सूंडी, सफेद मक्खी और सफेद लट के रोग, इस उपाय से होंगे दूर

निखिल स्वामी/बीकानेर: इन दिनों मौसम में उतार-चढ़ाव और अधिक तापमान व वातावरणीय नमी की अनुकूलता के कारण बीटी कपास फसल में गुलाबी सूंडी (पिंक बाॅल वर्म-PBW), सफेद मक्खी और मूंगफली में सफेद लट के प्रकोप की संभावना रहती है. बीटी कपास में पीबीडब्लू और सफेद मक्खी तथा मूंगफली में सफेद लट प्रकोप की आशंका के मद्देनजर कृषि विभागीय टीम ने किसानों को इसके बारे में जानकारी दी. कृषि विभाग ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य करते हुए किसानों को कीट रोगों की पहचान और रोकथाम के आवश्यक उपायों के बारे में विस्तार से बताया.
संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) कैलाश चौधरी ने बताया कि कृषि विभाग के कार्मिकों द्वारा कोलायत, नोखा, बीकानेर, मेधासर, कोलासर, अणखीसर, काकडा, भामटसर बीकानेर ग्रामीण क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य किया गया. उन्होंने बताया कि गुलाबी सूंडी का क्षेत्र में कपास फसल पर कहीं प्रकोप सामने नहीं आया है. आर्थिक हानि स्तर सर्वेक्षण में सफेद लट में प्रकोप आर्थिक हानि स्तर से नीचे पाया गया है.
संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने बताया कि कपास की फसल में क्षेत्र में कुछ स्थानों पर सफेद मक्खी का प्रकोप सामने आया हैं. आर्थिक हानि स्तर से अधिक प्रकोप होने पर फसल उत्पादन में नुकसान की आशंका रहती है.
उन्होंने बताया कि मूंगफली फसल में कुछ स्थानों पर सफेद लट और काॅलर रूट बीमारी का प्रकोप पाया गया जो कि आर्थिक हानि स्तर से कम पाया गया.
बचाव के ये है उपचारसफेद मक्खी उपचार के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 0.3 एमएल मात्रा या मिथायल डेमोटॉन 25 प्रतिशत ईसी की 2 एमएल प्रति लीटर प्रति हैक्टेयर के हिसाब से 400-500 लीटर पानी की मात्रा में घोल बनाकर छिड़काव करें. सफेद लट को कंट्रोल करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 300 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ देने के लिए किसानों को निर्देशित किया गया.
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FIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 13:51 IST