Rajasthan

पलाश के जंगलों में बनी यह वाटिका प्राकृतिक खूबसूरती का है खजाना, पर्यटक खूब हो रहे हैं आकर्षित

पीयूष पाठक/ अलवर. वन विभाग द्वारा अलवर के समीप विकसित लव कुश वाटिका पर्यटन केन्द्र के साथ ही आक्सीजन उत्सर्जन के  बडे बैंक के रूप में स्थापित हुआ है. अलवर से कुछ ही दूरी पर शाहपुर रूंध में विकसित की गई लव कुश वाटिका स्थानीय प्राकृतिक वातावरण संरक्षण के साथ आम जनता को जोड़ नेचुरल टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रहा है. यह वाटिका अब आमजन के लिए प्रकृति से रुबरू होने का साधन बन गई है.

उप वन संरक्षक अपूर्व कृष्ण श्रीवास्तव बताते हैं कि अलवर शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर रूंध- शाहपुरा वन खंड में चूहड़-सिद्ध घाटी पर लव कुश वाटिका स्थापित की गई है. उन्होंने बताया कि 75 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली यह वाटिका मूलतः पलाश का जंगल है. जिसकी वजह से मार्च के महीेने में यह घाटी केसरिया रंग में तब्दील हो जाती है. चारों तरफ से पहाड़ी से घिरी प्रकृति की गोद में बसी लव कुश वाटिका आम जनता को प्रकृति से जुड़ने का अवसर उपलब्ध करवा रही है.

सांभर, हिरण पथ, चीतल पथ के साथ गेबियन आकर्षण का केंद्र

अलवर के समीप लव कुश वाटिका में अलग अलग घूमने के पथ बनाए गए है. इसमें सांभर हिरण पथ, चीतल पथ मुख्य है. वन विभाग का यह प्रयास आमजन को वन एवं वन्यजीवों के साथ जोड़ने का है. वाटिका में भू जल स्तर में सुधार के लिए गेबियन बनाए गए हैं.

क्या है गेबियन

गेबियन एक ऐसी संरचना होती है जिसके तहत पानी के वेग को नियंत्रित कर मिटटी के बहाव को रोक कर आसपास के भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है. गेबियन के अंतर्गत वाटिका में एक पहाड़ी से प्राकृतिक झरने से पानी आता है जिसे संरक्षित कर वाटिका के रख रखाव में भी उपयोग में लिया जाता है.

पर्यटक हो रहे अभिभूत

स्थानीय निवासियों के अलावा यहाँ दिल्ली,हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से भी पर्यटक प्राकृतिक रोमांच का लुत्फ़ उठाने यहाँ प्रतिदिन पहुंच रहे है. वन अधिकारियों के अनुसार लव कुश वाटिका बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है. जिससे आस पास के निवासियों को भी रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे है.

Tags: Alwar News, Hindi news, Local18, Rajasthan news

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