Now Students Will Be Able To Do B.Tech In Hindi – अब हिन्दी में बीटेक कर सकेंगे स्टूडेंट

राजस्थान में दो कॉलेजों को मिली रीजनल लैंग्वेज में बीटेक कराने की अनुमति
ऑनलाइन वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने बताई क्षेत्रीय भाषाओं की महत्ता

जयपुर, 9 अगस्त। पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की ओर से अभियांत्रिकी शिक्षा अब क्षेत्रीय भाषा मेंश् विषय पर ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित की गई। इसके तहत ग्राफिक ऐरा यूनिवर्सिटी देहरादून के कॉमर्स डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अम्बिका प्रकाश मनी तथा गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज अजमेर के कम्प्यूटर साइंस डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकृति त्रिवेदी के सेशन हुए। मेजबान पीआईईटी के डायरेक्टर डॉ. दिनेश गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एआईसीटीई की ओर से देश के 14 इंजीनियरिंग कॉलेजों को क्षेत्रीय भाषा में बीटेक कोर्स कराने की अनुमति प्रदान की गई है। इनमें राजस्थान से सिर्फ दो कॉलेजों पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी तथा पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा हिन्दी भाषा में इंजीनियरिंग कराई जाएगी। इस भाषा में नवीन शैक्षणिक सत्र से फिलहाल कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच की पढ़ाई कराई जाएगी और दोनों कॉलेज 60-60 सीटों पर एडमिशन कर सकेंगे।
डॉ. अम्बिका प्रकाश मनी ने क्षेत्रीय भाषाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि लर्निंग स्किल्स विकसित करने में इन भाषाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डॉ.प्रकृति त्रिवेदी ने ब्रेन कम्प्यूटर इंटरेक्शन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीखने की क्षमताएं बढ़ाने में हमारा मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति अधिक बेहतर प्रतिक्रिया करते हैं।
वर्कशॉप की शुरुआत में पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की डॉ. रितु शोर्यन द्वारा स्वागत भाषण दिया गयाए जबकि फस्र्ट ईयर डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ.समा जैन द्वारा वर्कशॉप की संक्षिप्त जानकारी दी गई। समापन पर मनीष माथुरिया व डॉ. आयशा रफी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।