पहले राजा महाराजाओं की बनाते थे तलवार, अब सड़क किनारे बेच रहे हैं लाठी, जानें पूरी डिटेल
रिपोर्ट– कृष्ण बिश्नोई
नागौर.
तलवार का नाम सुनते ही राजा – महाराजाओं के जमाने की याद आती हैं. क्योंकि उस समय तलवार का महत्व बहुत अधिक था.चाहे वो युद्ध के मैदान में हो या फिर राजतिलक के वक्त कमर पर बांधने पर हों. वही लाठी का नाम सुनते ही किसान की याद आती हैं क्योंकि खेत की रक्षा करने के लिए यह किसानों का प्रमुख हथियार होता हैं. ऐसा इसलिए बता रहें क्योंकि नागौर में राजा – महाराजाओं के समय से तलवार व लाठी बना रहें कारीगरों आज भी लाठी और तलवार का निर्माण कर रहे हैं.
कौन हैं यह लोग
तलवार व लाठी बनाने वाले कारीगर वैसे तो चित्तौड़गढ़ जिले के निवासी हैं परंतु यह लोग नागौर जिले में तलवार व लाठी का कार्य बीते 7 पीढ़ियों से करते आ रहे हैं ऐसे में इन लोगों के कारण आज नागौर को तलवार व लाठी के बाजार के रूप में भी लोग जानते हैं
चार प्रकार की तलवारे व तीन प्रकार की लाठियां बनाते है यह लोग
कारीगर पप्पू लौहार ने बताया कि साइज के अनुसार चार प्रकार की तलवारे बनाते हैं. क्लोमोर तलवार, खजर तलवार, पाटिक व मौष्टिक तलवार बनाई जाती हैं. जो अलग – अलग काम में ली जाती हैं. वर्तमान समय में तलवार का काम शादी – विवाह के समय दूल्हें को दी जाती हैं.कटार या तलवार उस नकारात्मक शक्ति से दूल्हे को बचाने का कार्य करती हैं.इसलिए दूल्हा अपने पास कटार या तलवार जरूर रखता हैं.पुरानी मान्यताओं के अनुसार, दूल्हे को राजा का स्वरूप माना जाता हैं यानी विवाह की रस्म शुरू होने से लेकर विवाह संपन्न होने तक दूल्हा एक राजा के समान होता हैं. वही तीन प्रकार की लाठी बनाई जाती हैं जो डंडा, पंपडा व बेसबॉल डंडे के नाम से जाना जाता हैं.
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इस प्रकार से बनाते हैं तलवार व लाठी
पप्पू ने बताया कि तलवार को बनाने के लिए लोहे को गर्म करके खांचों व हथौङे की चोट से उसे तलवार के आकार में ढ़ाला जाता हैं बाद में धार देकर म्यान में रखकर उस पर लाल रंग का कंवर लगा दिया जाता हैं. वही लाठी को कच्चें बांस को गर्म करकें लाठी को तैयार किया जाता हैं. लाठी को आकर्षक व सुंदर बनाने के लिएतेल लगाकर उसे गर्म किया जाता हैं उससे बांस का रंग परिवर्तन होकर काला हो जाता हैं.उसके बाद लाठी पर पतले तारों के माध्यम से सजाया जाता हैं और आकर्षक बनाने के लिए रंगीन टेपों का इस्तेमाल किया जाता हैं.
तीन शहरों की प्रसिद्ध बनाते है तलवार
पप्पू लाहौर ने बताया कि अमृतसरी तलवार, जोधपुरी तलवार, सिरोही की तलवार प्रसिद्ध जगहों की तलवार यहीं पर बनाते हैं.जिनके कीमत की शुरुआत 350 से शुरु होकर 700 रुपये तक मिलती हैं. वही लाठियां 150 से शुरु होकर 350 तक लाठी मिलती हैं.
यहां पर मिलती हैं लाठियां व तलवार
नागौर शहर में यह तलवारे व लाठियां मानासर फाटक पास पुलिया के नीचे स्थित दुकाने में मिलती हैं.अब यह दुकानें नागौर में बाबा रामदेव पशु मेले में लगनी प्रारंभ होगी.
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Tags: Nagaur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : January 23, 2023, 13:05 IST