पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार के चलते सबकुछ छोड़कर भारत आना पड़ा– News18 Hindi

पाली. गृह मंत्रालय ने हाल में ही देश में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों (Pak residents) को लेकर ही अलर्ट जारी किया है. ये वे लोग हैं जो सरहदी सीमा (border area) से सटे राजस्थान में आने के बाद से गायब हैं. ऐसे 625 पाक नागरिक नहीं मिल रहे हैं. इन नागरिकों में कुछ राजस्थान (Rajasthan) के भी हैं. जिनकी सूची राज्य सरकार को दी गयी है, इनमें से करीब 110 पाक नागरिक उनकी लिस्ट से गायब हैं, जो 15 साल पहले पाकिस्तान(Pakistan) से रातों-रात सब कुछ छोड़ भारत आ गए थे.
यहां आने के बाद बाड़मेर गए और वहां से पाली आकर बस गए. पाली में करीब 10 परिवार ऐसे हैं, लेकिन इनमें से एक लूणीदेवी जोशी सामने आई है, जिसने पाकिस्तान में उनके परिवार पर होने वाले अत्याचार के बारे में बताया है. लूणी देवी की शादी आटा साटा प्रथा के तहत पाकिस्तान में हुई थी. उनका दर्द यह है कि उनके परिवार के कई सदस्यों को अभी तक नागरिकता नहीं मिल पाई है.
बेटे-बेटियों को उठाने की आए दिन धमकियां मिलती थीं
लूणी देवी जोशी ने बताया कि पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन की प्रताड़ना के बीच 18 साल गुजारे. वहां कुछ लोग धमकियां देते थे कि धर्म परिवर्तन कर लो. नहीं तो बेटे को उठा ले जाएंगे. इस डर से बेटियों को स्कूल नहीं भेजा. यहां तक कि खुद भी कभी अकेले बाजार नहीं गई. वहां आतंक इतना बढ़ गया कि सब कुछ छोड़ रातों-रात भारत आना पड़ा.
आटा-साटा प्रथा से हुई थी पाक में शादी
लूणी देवी ने बताया कि यहां आये 15 साल हो गए, लेकिन अब तक परिवार के सभी सदस्यों को नागरिकता नहीं मिल सकी है. लूणी देवी मूलतः बाड़मेर की हैं और अभी सरदार पटेल नगर में परिवार के साथ रहती हैं. वे बताती हैं कि 40 साल पहले आटा साटा प्रथा से उसकी शादी पाकिस्तान के अमरकोट क्षेत्र निवासी सवाई लाल जोशी से हुई. भाई पीताम्बर की शादी उनकी ननद से हुई थी.
बहू-बेटियों को दिनदहाड़े उठाकर ले जाते थे
पाकिस्तान में उनके पति सब्जी मंडी में काम करते थे और ससुर जोगलाल जोशी ज्योतिष का काम करते थे. वे जहां रहते थे वहां हिंदू परिवार की संख्या बहुत कम थी. कुछ ऐसे लोग सक्रिय थे जो बहू बेटियों को दिनदहाड़े उठाकर ले जाते थे. कई परिवारों की बेटियों को गायब कर दिया गया और उनका कुछ सुराग नहीं लगा. वहां का माहौल ऐसा हो गया कि धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जाता था.
पाकिस्तान में रहना है तो धर्म बदल लो
अपना दर्द बयां करते हुये लूणी देवी बताती हैं वहां कहा जाता था कि पाकिस्तान में रहना है तो धर्म बदल लो. नहीं तो तुम्हारी बेटियों को उठा ले जाएंगे. अमरकोट में जिस मोहल्ले में लूणी देवी का परिवार रहता था. वहां से हिंदू परिवार की एक लड़की को कोई दिनदहाड़े उठा कर ले गया. जिससे उनका परिवार भी डर गया और सभी ने विचार-विमर्श करने के बाद बाड़मेर में रह रही ननद से मिलने की बात कहकर पाकिस्तान अपना घर सामान सब कुछ छोड़ कर मीरपुर से ट्रेन में बैठकर दिल्ली आ गए.
गुजारे के लिए बेटियां साफ-सफाई का काम करती हैं
पहले बाड़मेर गए लेकिन कामकाज नहीं था तो पाली में आकर बस गए. उनके पति फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं और वह खुद घर पर सिलाई का काम करती है. घर खर्च चलाने में कुछ मदद हो सके इसलिए दो बेटियां घर में साफ सफाई का काम करने जाती हैं. ऐसे करके गुजारा चल रहा है. लूणी देवी उसके पति सवाई लाल जोशी, ससुर जोगलाल जोशी, सास संतोषी देवी, देवर जसराज जोशी, बेटी सुनीता हरिया देवी, सीता द्रौपदी देवी, चांदनी व बेटा सुशील ट्रेन से आए थे.
पाक से बक्से में छिपाकर लाए थे बच्चे
बच्चे उस समय छोटे थे. सबसे छोटी बेटी की उम्र में 3 महीने थी. छोटी बेटियों को बक्से में छिपाकर लेकर आना पड़ा. उस दौरान वहां हिंदुओं की बेटियों को उठाकर ले जाते थे. हालात ऐसे थे कि कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता था. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें बक्से में छिपा कर लेकर आए, लेकिन भारत में 15 साल से भी ज्यादा हो गए, अभी तक सभी सदस्यों को नागरिकता नहीं मिल सकी है. सभी के सरकारी दस्तावेज नहीं बने हैं. इसलिए योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं.
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